बसवराज बोम्मई को भाजपा ने 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सीएम पद का उम्मीदवार बनाया है। बोम्मई हावेरी जिले की शिगगांव सीट से लगातार तीन बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। इस बार वे जीत का चौका लगाने के इरादे से मैदान में उतरेंगे।

बसवराज बोम्मई ने 28 जुलाई 2021 को ‘गेटवे टू द साउथ’ कहे जाने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके पिता एस.आर बोम्मई भी राज्य की कमान संभाल चुके हैं। बोम्मई को बी एस येदियुरप्पा के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद विधायक दल का नेता चुना गया। वे लिंगायत समुदाय से आते हैं।
2008 में भाजपा में हुए शामिल
अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत जनता दल से की थी। बाद में वे फरवरी 2008 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बनाया है। बोम्मई ने गृह, कानून, जल संसाधन, सहकारिता और संसदीय कार्यों के मंत्री के रूप में भी काम किया। उन्हें हावेरी और उडुपी का जिला प्रभारी मंत्री भी बनाया गया था।
28 जनवरी 1960 को हुआ जन्म
बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को कर्नाटक के हुबली जिले में हुआ था। उनके पिता एस आर बोम्मई मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उनकी पत्नी का नाम चेन्नम्मा है। उनके दो बच्चे हैं। उनका पूरा नाम बसवराज सोमप्पा बोम्मई है।
टाटा समूह में की थी नौकरी
बसवराज बोम्मई ने 1982 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री हासिल की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा समूह से की थी। वे पेशे से किसान और उद्यमी भी हैं।
लिंगायत समुदाय के कद्दावर नेता
कर्नाटक में 17 फीसद की आबादी वाले लिंगायत समुदाय का काफी राजनीतिक प्रभाव है। करीब 30 फीसद सीटों पर ये निर्णायक भूमिका निभाते हैं। बोम्मई शिगगांव से 2008, 2013 और 2018 में विधायक निर्वाचित हुए थे। वे इस बार भी शिगगांव से चुनाव लड़ रहे हैं। बोम्मई 1998 से लेकर 2008 तक एमएलसी भी रहे हैं। वे मुख्यमंत्री जे एच पटेल के राजनीतिक सचिव और विधान परिषद में विपक्ष के उपनेता भी रहे।
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