चेन्नई: मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी को मेघालय हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले की अब केंद्र ने सार्वजनिक रूप से घोषणा कर दी है।

भारत के संविधान के तहत प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए भारत के माननीय राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से सीजे मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी को सीजे मेघालय उच्च न्यायालय के रूप में स्थानांतरित करने की कृपा की है। मेघालय हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के तबादले के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट लीगल कम्युनिटी ने विरोध प्रदर्शन किया था। वकीलों ने दलील दी कि जस्टिस संजीब बनर्जी ने जनवरी 2021 में मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ही पद संभाला था और बेंच पर केवल दस महीने के बाद उनका तबादला निराधार है।
सिर्फ चार जजों की मंजूर संख्या वाली मेघालय जैसे अपेक्षाकृत लो-प्रोफाइल हाई कोर्ट को 75 जजों की ताकत वाले चार्टर्ड हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गए जस्टिस संजीब बनर्जी के तबादले पर रिटायर्ड जजों और सीनियर वकीलों ने सवाल उठाए हैं।
मद्रास हाई कोर्ट के कुल 237 वकीलों ने कॉलेजियम को पत्र लिखकर मांग की थी कि जस्टिस संजीब बनर्जी के तबादले के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। कॉलेजियम को हाईकोर्ट से 31 नामित वकीलों का पत्र भी मिला था, जिसमें इस कदम के कारणों के बारे में पूछताछ की गई थी। मद्रास बार एसोसिएशन (एमबीए) और मद्रास हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (एमएचएए) दोनों ने कॉलेजियम को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि फैसले पर पुनर्विचार किया जाए।
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