भारतीय संघ का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई। जानकारी दिए जाने के बारे में भारतीय संघ ने आईडब्लूएलएफ से न सिर्फ सुबूत मांग लिए हैं बल्कि उल्टा उसी से सवाल कर दिया है कि अगर उन्हें संजीता के फंसने के बारे में खुद पता लग गया था तो डोप रिजल्ट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी उनकी होने के बावजूद संजीता को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया। इसके उलट आईडब्लूएफ ने चार मई को गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के लिए जारी की गई आधिकारिक रैंकिंग में संजीता का नाम खुद डाला।
आईडब्लूएफ की ओर रैंकिंग जारी किए जाने के बाद पांच मई को कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ने गोल्ड कोस्ट में भाग लेने वाले लिफ्टरों की घोषणा की। यही नहीं आईडब्लूएफ की ओर से भारतीय संघ को दी गई जानकारी में यह बात सामने आती है कि चार जनवरी को सॉल्ट लेक, उटाह स्थित लैब ने संजीता की डोप रिपोर्ट वाडा और आईडब्लूएफ को भेजी है। इसके बाद नौ जनवरी को संजीता के गलत ईमेल पर यूसाडा ने रिपोर्ट भेजी जिसकी कॉपी आईडब्लूएफ को की गई। इसके बाद यूसाडा ने 19 जनवरी को भारतीय संघ के अलावा आईडब्लूएफ को फिर रिपोर्ट भेजी।
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