व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए जिस प्रकार खाना, पानी, वायु या अन्य जरूरी तत्वों कर आवश्यकता होती है, इसी प्रकार उसके लिए पर्याप्त मात्रा नींद भी अतिआवश्यक है। सामान्यत: व्यक्ति के लिए 24 घंटे में से 6 से 8 घंटे सोना बेहद आवश्यक होता है। अपर्याप्त मात्रा में सोने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पडते है। अपर्याप्त मात्रा में सोने से व्यक्ति की दैनिक दिनचर्या पर भी विपरित प्रभाव पडते है जिसका खामियाजा व्यक्ति को कई प्रकार से भूगतना पड सकता है।
वही हर व्यक्ति की सोने की आदत अलग अलग होती है जैसे की कुछ लोगों को रात देर तक जागने की आदत होती है तो वही कुछ लोग ऐसे भी होते है जिनकी नींद अपने आप ही जल्दी खुल जाती है। आपने अकसर ये देखा होगा कि एक समय बाद आपके सोने और जागने का वक्त निर्धारित होता है ना तो आपको उससे पहले नींद आती है और ना ही आप उस निर्धारित समय के बाद सो सकते हैं।
आपको ये बहुत सामान्य लग रहा होगा लेकिन क्या आप इस बात से अवगत हैं कि आपके यही सोने और जागने का समय आपकी मौत का समय भी निश्चित करता है। कहने का आशय यह है कि आपकी मौत दिन के किस समय होगी यह आपकी दिनचर्या पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है,हो सकता है आपको हमारी यह सब बातें व्यर्थ लग रही हों लेकिन इस बात पर कई बड़े बड़े वैज्ञानिकों ने शोध के जरिए पता लगाया है कि आपके सोने और उठने के समय के अनुसार ही आपके मृत्यु का समय भी निर्धारित हो जाती है |
आपको बता दे इस बात का खुलासा अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिक एंड्रयू लिम के रिसर्च के जरिए हुआ है। इस शोध के जरिये ये बात सामने आई है की हमारे शरीर के अंदर भी एक घड़ी पाई जाती है और ये घड़ी हमारे सभी आदतों को पहचानती है और इन्ही आदतों के जरिये हमारे सोने और जागने का समय निर्धारित करती है |
शोध के अनुसार हम दिन भर में जो भी कार्य निर्धारित समय के अनुसार करते है वो सभी काम हमारे दिल के धड़कन से जुड़े होते है आर हर काम अपने समय पर निर्धारित होते है ठीक वैसे ही हमारे मृत्यु का भी एक समय निर्धारित किया गया है जिसके मुताबिक औसत के अनुसार सुबह के 11 बजे ज्यादातर लोगों की मौत होती है लेकिन हम यह बात केवल रिसर्च के मुताबिक आपको बता रहे है,ना की इस रिसर्च का समर्थन कर रहे हैं|