शुभांशु की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान, इस तरह हुई धरती पर वापसी

स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से सफलतापूर्वक उतरने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पृथ्वी पर वापस आ गए हैं। एक्सिओम और नासा के सहयोग से आयोजित इस मिशन की अवधि 14 दिनों से बढ़ाकर 18 दिन कर दी गई थी, जिसके दौरान चालक दल ने 60 से ज्यादा प्रयोग किए।

माता पिता ने खूबसूरत लैंडिंग का लाइव प्रसारण देखा
शुभांशु की वापसी का गवाह लखनऊ में उनका भावुक परिवार भी बना, जिसने इस खूबसूरत लैंडिंग का लाइव प्रसारण देखा। कैलिफॉर्निया में उतरन के साथ ही , ग्रुप कैप्टन शुक्ला और चालक दल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने के लिए सात दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम में शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार, पुष्टि होने तक, वह 25 तारीख को भारत लौट सकते हैं। गगनयात्री शुभांशु शुक्ला समेत एक्सिओम-4 मिशन के चार सदस्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) से धरती पर लौट आए।

आइए 10 बिंदुओं में जानने का प्रयास करते हैं कि साढ़े 22 घंटे की यात्रा के दौरान ड्रैगनयान किस तरह यह सफर तय किया।

शुभांशु और तीन अन्य अंतरिक्षयात्री सोमवार को अनडॉकिंग से लगभग दो घंटे पहले अंतरिक्षयान में सवार हुए और अपने स्पेससूट पहने
भारतीय समयानुसार सोमवार दोपहर 2:37 बजे पर अंतरिक्षयान को आइएसएस से जोड़ने वाले हैच को बंद कर दिया। अंतरिक्षयान की जांच की।
इसके बाद स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्षयान आइएसएस से अलग हुआ। अनडा¨कग (आइएसएस से अंतरिक्षयान से अलग होने) की प्रक्रिया सोमवार को भारतीय समयानुसार शाम लगभग 4:45 बजे हुई।
अनडॉकिंग के बाद कक्षीय प्रयोगशाला से दूर जाने के लिए उसने थ्रस्टर्स फायर किए गए।- 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से यात्रा करते हुए ड्रैगन अंतरिक्षयान ने धरती के वायुमंडल में पहुंचा। इस दौरान तीव्र घर्षण के कारण 1600 से 1,900 डिग्री सेल्सियस तापमान का सामना करना पड़ाए।
सुरक्षात्मक हीट शील्ड ने अंतरिक्षयान को जलने से बचाया। हीट शील्ड एक सुरक्षात्मक परत है जो अंतरिक्ष यान को वायुमंडल में पुन: प्रवेश करते समय गर्मी से बचाती है।
इस क्षेत्र से गुजरने के बाद अंतरिक्षयान की गति धीरे धीरे कम हुई। समुद्र तल से लगभग 5,500 मीटर ऊपर, दो छोटे ड्रोग पैराशूट अंतिरक्षयान को स्थिर करने के लिए खुले। कुछ समय बाद चार बड़े मुख्य पैराशूट खुले।
कुछ ही मिनटों बाद अंतरिक्षयान ने प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट पर स्प्लैशडाउन की प्रक्रिया पूरी हुई। किसी अंतरिक्षयान के पानी में उतरने को स्पलैशडाउन कहते हैं।
स्पलैशडाउन के बाद स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्षयान को रिकवरी शिप ‘शैनन’ के ऊपर ले जाया गया, जहां शुभांशु और अन्य अंतरिक्षयात्री अंतरिक्षयान से प्रसन्न मुद्रा में बाहर निकले। रिकवरी शिप में चिकित्सा और तकनीकी टीमें थीं।
आइएसएस पर तीन सप्ताह तक भारहीनता की स्थिति में रहने के बाद पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण के साथ तालमेल बिठाने के लिए पैरों के सहारे चलवाने में अंतरिक्ष यात्रियों की ‘ग्राउंड स्टाफ’ ने मदद की।
एक्सिओम-4 के चालक दल की जहाज पर ही कई चिकित्सा जांच की गई। इसके बाद उन्हें वापस तट पर जाने के लिए हेलीकाप्टर में बैठाया गया। अब अंतरिक्षयात्रियों को पुनर्वास कार्यक्रम (लगभग सात दिन) से गुजरना होगा ताकि वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल हो सके।

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