बिहार में विधानसभा चुनाव के परिणामों के रुझान एक अलग ही तस्वीर पेश कर रहे हैं। चुनाव से पहले शायद तेजस्वी यादव ने भी इसकी कल्पना न की है। इस बीच अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की हार ने भी सबको चौंका दिया है। शिवसेना ने ऐसे में जदयू और भाजपा पर तंज कसा है। शिवसेना का कहना है कि भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हार से सीखना चाहिए।

सामना के संपादकीय में लिखा है – राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कभी भी राष्ट्राध्यक्ष पद के लायक नहीं थे। अमेरिकी जनता ने केवल चार वर्षों में ट्रंप को सत्ता सौंपने की अपनी गलती को सुधार दिया। वह एक भी वादा पूरा नहीं कर सके। अगर हम ट्रंप की हार से कुछ भी सीख सकते हैं, तो यह अच्छा होगा। अमेरिका में सत्ता पहले ही बदल चुकी है। बिहार में भी ऐसी ही आहट सुनाई दे रही है। बिहार विधानसभा चुनाव में, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन स्पष्ट रूप से हार रहा है। हमारे अलावा देश और राज्य में कोई विकल्प नहीं है – लोगों को इस भ्रम से नेताओं को दूर करने का काम करना है।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू और भाजपा ने काफी दावे किए थे, लेकिन एग्जिट पोल आने के बाद स्थिति काफी उलट नजर आ रही है। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि अमेरिका की तरह बिहार में भी सत्ता पलटने के संकेत दिखाई दे रहे हैं। लेख में मोदी-नीतीश पर तंज कसते हुए कहा गया है कि दोनों की जोड़ी ने बिहार में जंगलराज का डर दिखाया और झूठ के गुब्बारे छोड़े, लेकिन तेजस्वी के सामने दोनों टिक नहीं पाएंगे।
गौरतलब है कि शिवसेना और भाजपा की राहें जब से महाराष्ट्र में जुदा हुई हैं, तब से उद्धव ठाकरे या उनकी पार्टी के नेता कोई भी मौका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने का नहीं छोड़ते हैं। शिवसेना ने एग्जिट पोल के आधार पर भाजपा पर हमला बोला है और सभी जानते हैं कि रुझानों और परिणामों में बहुत अंतर होता है।
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