तनाव के कारण होने वाली मानसिक और शारीरिक थकावट इंसान के जल्दी मरने का संकेत हो सकते हैं। मेडिकल साइंसेज में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक थकावट किसी इंसान की असामयिक यानी समय से पहले मौत का संकेत दे सकती है। इस अध्ययन के लिए 60 साल या इससे अधिक उम्र के करीब 3000 लोगों को शामिल किया गया। स्टडी में हिस्सा लेने वाले वॉलंटियर्स से शोधकर्ताओं ने कुछ एक्टिविटीज के आधार पर एक से पांच तक के स्केल पर थकावट का स्तर पूछा था। इसमें 30 मिनट की वॉक, लाइट हाउसवर्क और हैवी गार्डनिंग जैसी एक्टविटीज शामिल थी।

मृत्युदर को प्रभावित करने वाले सभी कारकों को समझने के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि एक्टविटीज में हिस्सा लेने वाले जिन वॉलंटियर्स ने ज्यादा थकावट महसूस की, उनमें असामयिक मौत का खतरा ज्यादा था। इन जोखिमों डिप्रेशन, पहले से मौजूद या कोई लाइलाज बीमारी, उम्र और लिंग जैसे कारक शामिल थे।
पिट्स ग्रेजुएट स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एपिडेमायोलॉजी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर और स्टडी की प्रमुख लेखक नैन्सी डब्लू ग्लिन ने कहा कि ये एक ऐसा वक्त है जब लोग ज्यादा फिजिकली फिट रहने के लिए न्यू ईयर पर नए-नए संकल्प ले रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हमारे आंकड़े लोगों को एक्सरसाइज के महत्व को समझने में मदद करेंगे।

एक पिछली स्टडी में इस बात के संकेत मिले थे कि ज्यादा फिजिकली एक्टव रहने से इंसान के अंदर थकावट का स्तर कम होता है। एक पिछली स्टडी के मुताबिक, रोजाना नियमित 15 मिनट की फिजिकल एक्टविटी इंसान की जिंदगी में तीन साल का इजाफा कर सकती है।
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