ज्योतिष शास्त्र में शनि दोष को बहुत खतरनाक माना गया है। जिस जातक की कुंडली में शनि दोष होता है उसे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बता दें कि शनि दोष का प्रभाव शरीर के अंगों पर भी पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों को महत्वपूर्ण माना गया है। साथ ही इन ग्रहों से संबंधित कई प्रकार के दोष के विषय में भी बताया गया है, जिसके कारण जातक को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक दोष है, शनि दोष, जिसे व्यक्ति के लिए बहुत ही खतरनाक माना जाता है।
बता दें कि शनि जातकों को कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं। लेकिन जिस जातक की कुंडली में यह दुर्बल स्थिति में रहते हैं, उसे आर्थिक, मानसिक व शारीरिक रूप से कई प्रकार की समस्याओं का समाना करना पड़ता है। ज्योतिषविदों के अनुसार शनि दोष का प्रभाव व्यक्ति के अंगों पर भी पड़ता है। इसलिए शनि दोष के दौरान जातक को शरीर के तीन मुख्य अंगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
इन अंगों का रखें विशेष ध्यान
दृष्टि- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी समय से पूर्व आंखें कमजोर होने लगती हैं तो इसका अर्थ है कि शनि का दुष्प्रभाव बढ़ रहा है। इसलिए व्यक्ति को अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और इन्हें मजबूत करने के लिए पौषक आहार का सेवन करते रहना चाहिए। आंखों की देखभाल करने से कई समस्याएं दूर हो जाती हैं।
नाभि- शनि का प्रभाव नाभि पर सबसे अधिक पड़ता है, जिससे नाभि रोग उत्पन्न होने लगता है। इसलिए नाभि को हमेशा साफ रखें। घी या सरसों तेल लगाते रहे। ऐसा करने से न केवल पेट की गर्मी शांत होती है, बल्कि आंखों और बालों को भी लाभ मिलता है। इससे जोड़ों के दर्द से भी निजात मिलता है।
हड्डी- एक स्वस्थ मनुष्य के लिए मजबूत हड्डी सबसे आवश्यक है और शनि दोष का प्रभाव हड्डियों पर भी पड़ता है। इसलिए व्यक्ति को अपनी हड्डियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और समय-समय पर तेल से मालिश करना चाहिए। शनि दोष के कारण हड्डी टूटने का डर निरंतर बना रहता है। इसलिए शनिवार की शाम को छाया दान करें और हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें।