नई दिल्ली, हर किसी खेल की शुरुआत शून्य से होती है, लेकिन क्रिकेट के खेल में भारत के लिए एक ऐसा क्रिकेटर हुआ है, जो कभी भी वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में शून्य पर आउट नहीं हुआ। मंगलवार 13 जुलाई को हार्ट अटैक के कारण इस दुनिया को अलविदा कहने वाले यशपाल शर्मा उन गिने-चुने खिलाड़ियों में शुमार हैं, जिन्होंने वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा पारियां खेलने के बाद भी शून्य पर अपना विकेट नहीं खोया।
यशपाल शर्मा भारत के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने 40 से ज्यादा वनडे इंटरनेशनल मैच खेले, लेकिन कभी वे शून्य पर पवेलियन नहीं लौटे। 42 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की 40 पारियों में उनको बल्लेबाजी करने का मौका मिला, लेकिन पाकिस्तान से लेकर इंग्लैंड, न्यजीलैंड से लेकर वेस्टइंडीज, श्रीलंका से लेकर ऑस्ट्रेलिया और जिम्बाब्वे तक के दिग्गज गेंदबाजों के खिलाफ वे खेले, लेकिन कभी भी शून्य पर आउट नहीं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
यशपाल शर्मा के अलावा तीन और बल्लेबाज हुआ हैं, जिन्होंने कभी भी अपने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय करियर में विकेट शून्य पर नहीं गंवाया है। इनमें सबसे ऊपर केप्लर वेसेल्स का नाम है, जिन्होंने 10 साल के करियर में 109 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले, 3367 रन भी बनाए, लेकिन कभी भी अपना विकेट शून्य पर नहीं गंवाया। दूसरे नंबर पर जेक्स रोडल्फ हैं, जिन्होंने 45 वनडे मैचों में 1174 रन बनाए, लेकिन कभी बिना खाता खोले पवेलियन नहीं लौटे। वहीं, साउथ अफ्रीका के ही पीटर क्रिस्टन ने 40 वनडे मैच में 1293 रन बनाए, लेकिन वे भी कभी शून्य पर किसी गेंदबाज का शिकार नहीं बने।
कपिल देव की कप्तानी वाली भारतीय टीम, जिसने 1983 का विश्व कप जीता था, उस टीम का हिस्सा ही नहीं, बल्कि टूर्नामेंट में भारत के लिए हीरो की तरह उभरे थे यशपाल शर्मा। उन्होंने सेमीफाइनल में 61 रन की दमदार पारी खेलकर देश को पहली बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया था। हालांकि, यशपाल अपने वनडे इंटरनेशनल करियर में कभी भी शतक नहीं ठोक पाए, उनका सर्वाधिक स्कोर 89 रन था।