गर्मियों के मौसम में आने वाले फलों में से एक है मीठे रस वाली लीची। इसे खाने के शौकीन खूब है। इसका सीजन आते ही लोग इस खूब खाना शुरू कर देते हैं। कम समय के लिए बाजार में मिलने वाले इस फल के कई सारे फायदे तो हैं ही लेकिन इसी के साथ कुछ नुकसान भी हैं। इन दोनों के बारे में ही आज हम आपको बता रहे हैं।
लीची खाने के फायदे (Benefits Of Eating Litchi)
1) वेट मेनेजमेंट में करती है मदद- लीची में भरपूर मात्रा में फाइबर होते हैं, जो शरीर के पाचन के लिए जरूरी होते हैं। एक स्वस्थ पाचन यह सुनिश्चित करता है कि शरीर ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों को खा रहा है या नहीं। लीची वेट मेनेजमेंट में मदद करती है।
2) इम्यून सिस्टमें के लिए होता है फायदेमंद – लीची में विटामिन सी होता है जो हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करने में काफी मददगार होता है। लीची का जूस इम्युनिटी को बढ़ाता है और खांसी, जुकाम और फ्लू जैसी आम बीमारियों से बचाव करता है।
3) ब्लड सर्कुलेशन होता है बेहतर- लीची हमारे पूरे शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर करने में मदद करती है। ऐसे में आपके शरीर के अंग सही तरह से काम कर पाते हैं। कॉपर एक दूसरा जरूरी मिनरल है जो लीची में काफी मात्रा में होता है। ऐसे में लीची ब्लड फ्लो को बढ़ा सकती है और अंगों और कोशिकाओं के ऑक्सीदजन को बढ़ा सकती है।
4) पाचन में करता है मदद- लीची में मौजूद डायट्री फाइबर होते हैं जो पाचन स्वास्थ्य रखने में मदद करते है। यह गैस्ट्रिक और पाचक रसों को भी बढ़ाता है। लीची के जूस को आप कब्ज और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी परेशानी को रोकने में पी सकते हैं।
5) मिलती है इंस्टेंट एनर्जी- लीची विटामिन सी से भरपूर होती है। यह कोलेजन और कार्निटाइन के प्रोडक्शन में जरूरी होती है जो फैट को तोड़ने के लिए जरूरी होते हैं। यह फैट ब्रेक डाउन हमें तुरंत एनर्जी देने में मदद करते हैं।
लीची के हैरान कर देने वाली नुकसान (Side Effects of Litchi)
– लीची में शक्कर की मात्रा ज्यादा होती है, और ये डायबिटीज से परेशान लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
-लीची के कारण कुछ लोगों में एलर्जी की समस्या हो सकती है।
-लीची को शरीर में हार्मोनल असंतुलन का कारण भी माना जाता है।
-इससे आंतरिक रक्तस्राव, बुखार या कई दूसरी समस्याएं हो सकती हैं।
– रिपोर्ट्स की मानें तो गर्भवती महिलाओं को लीची खाने से बचना चाहिए जब तक कि वे स्तनपान के चरण में न हों क्योंकि वे रक्तस्राव और संक्रमण का कारण बन सकती हैं और बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं।