जनवरी में पता चला था कि दिल्ली हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रही है। इसके महज डेढ़ माह बाद ही संक्रमण की चौथी लहर आ पहुंची है। पिछले एक महीने में ही संक्रमण के मामलों में करीब 10 फ़ीसदी का इजाफा हुआ है। तब यह आकलन किया जा रहा था कि राजधानी में संक्रमण अब काबू में रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस में हो रहे बदलाव और नए स्ट्रेनों के कारण मामले फिर से बढ़ रहे हैं।
जनवरी में हुए 5वें सीरो सर्वे में 56 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली थी। मतलब ये लोग संक्रमित होने के बाद अपने आप ही ठीक हो गए थे। यानी दिल्ली की आधी से ज्यादा आबादी में (1 करोड़ से ज्यादा लोग) संक्रमण के खिलाफ प्राकृतिक रूप से एंटीबॉडी बन गई थी। उस दौरान विशेषज्ञों ने कहा था कि दिल्ली हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रही है।
आधी से ज्यादा आबादी संक्रमित हो चुकी है। इसलिए आने वाले दिनों में संक्रमण के ग्राफ में काफी कमी आएगी और महामारी से निजात मिल सकेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी तीन से छह माह तक रहती है, लेकिन दिल्ली में 56 फीसदी लोगों में मिली एंटीबॉडी का प्रभाव महज डेढ़ माह बाद ही हल्का पड़ने लगा है। एक मार्च से ही कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे।
सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि 5वे सीरो सर्वे के परिणाम से दिल्ली में जल्द ही संक्रमण पूरी तरह काबू में आने की संभावना बनी थी, लेकिन कोरोना के डबल म्यूटेंट और कई मरीजों में नए स्ट्रेन की पुष्टि के कारण ऐसा नहीं हुआ। काफी लोग ऐसे भी थे, जो संक्रमण से प्रभावित नहीं हुए थे, लेकिन होली के दौरान वे दिल्ली से बाहर गए। दूसरे स्थान पर जाने के कारण वे संक्रमण का कैरियर बनकर लौटे। इससे कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ।
लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि पहले जिन लोगों में एंटीबॉडी मिली थी, वे दूसरे प्रकार के वायरस से पीड़ित हुए थे। अब जो लोग संक्रमित हो रहे हैं, उनमें नए किस्म के संक्रमण की आशंका है। 40 से 50 फ़ीसदी आबादी का टीकाकरण कर दिया जाए तो आने वाले समय में दिल्ली में हर्ड इम्युनिटी बन सकती है और संक्रमण पर लगाम लग सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में टीकाकरण अभियान तेज गति से चल रहा है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकेगी।
पहला : जून में हुआ और 23.48% लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी
दूसरा : अगस्त में हुआ और 29.1% लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी
तीसरा : सितंबर में हुआ और 25.1% लोगों में ही एंटीबॉडी मिली
चौथा : अक्तूबर में किया गया। 25.53% लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी
पांचवां : जनवरी में हुआ और 56.2 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली थी
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
