महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा-शिवसेना के बीच जारी रार थमने का नाम नहीं ले रहा। शिवसेना जहां 50-50 फार्मूले के तहत सरकार गठन को लेकर अडिग है वहीं भाजपा किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री पद छोड़ना नहीं चाहती। अब राज्य का राजनैतिक भविष्य तय करने में एनसीपी बड़ी भूमिका निभा सकती है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई थी। जिसके बाद विधायकों को रंगशारदा होटल से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। शिवसेना को आशंका है कि उनके विधायकों में फूट डाला जा सकता है। इसलिए वह उन्हें महफूज ठिकाने पर लेकर जा रही है।
मुंबई पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिवसेना के आरोपों पर कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त का कोई सवाल ही नहीं है। अगर भाजपा और शिवसेना के बीच मध्यस्थता की जरूरत पड़ती है तो वह मैं कर सकता है।
हालांकि इस दौरान गडकरी ने ढाई-ढाई साल सीएम वाली बात से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था। अपनी बात को दोहराते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में संघ की कोई भूमिका नहीं है।