राज्य सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के सदस्य जस्टिस शशिकांत अग्रवाल ने सोमवार की दोपहर बिकरू गांव पहुंच गए हैं, यहां पर वह घटनास्थल का मुआयना करने के साथ ही ग्रामीणों से बातचीत कर रहे हैं। वह गांव वालों से घटना की हकीकत जानने का प्रयास कर रहे हैं। गांव में पहले से ही फोर्स तैनात है, वहीं प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी उनके साथ गांव पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद वह विकास दुबे के एनकाउंटर वाले स्थल पर भी जा सकते हैं।
करीब साढ़े बारह बजे बिकरू गांव पहुंचे जस्टिस शशिकांत अग्रवाल ने सबसे पहले घटनास्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद विकास दुबे के घर के पास ही उन्होंने जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव तिवारी और एसएसपी दिनेश कुमार पी से करीब 25 मिनट तक घटनाक्रम और विकास का घर गिराए जाने के संबंध में प्रश्न किए। उन्होंने दिनेश दुबे के बेटे मनोज दुबे समेत छह लोगों से शिकायतों को सुना और ग्रामीणों से पूछताछ की। करीब एक घंटे तक जांच और पूछताछ करने के बाद वह 1:30 बजे गांव से रवाना हो गए।
दो माह में जांच आयोग सरकार को देगा रिपोर्ट
बिकरू कांड के बाद मोस्टवांटेड विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर विपक्षी दलों द्वारा तरह-तरह के सवाल उठाने और उसकी मौत से कई रहस्यों के दबाए जाने के आरोप लग रहे हैं। इन सबके बीच राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के माध्यम से जांच आयोग अधिनियम 1952 (अधिनियम संख्या 60 सन 1952) की धारा 3 के तहत सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया, इसका मुख्यालय कानपुर में होगा। सभी तथ्यों की जांच करने के साथ ही आयोग भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अपने सुझाव भी देगा। दो माह की अवधि में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
जांच के अहम बिंदु
- -विकास दुबे और उसके सहयोगियों के द्वारा दो-तीन जुलाई की रात में की गई घटना, जिसमें आठ पुलिस कॢमयों की हत्या हुई थी और अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
- -दस जुलाई को पुलिस और विकास दुबे के बीच हुई मुठभेड़, जिसमें विकास दुबे मारा गया।
- -दो-तीन जुलाई से दस जुलाई के बीच पुलिस और इस प्रकरण से संबंधित अपराधियों के बीच हुई प्रत्येक मुुठभेड़।
- -आयोग विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस व अन्य विभागों या व्यक्तियों से दुरभिसंधि के संबंध में भी गहनतापूर्वक जांच करेगा।