शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से कई फायदे होते हैं। सोमवार के दिन इस पाठ को करने से जीवन के सभी दुःख दूर हो जाते हैं। वैसे शिव तांडव स्त्रोत को रावण तांडव स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस स्तोत्र की रचना रावण द्वारा की गई है। आप सभी को बता दें कि इस स्तोत्र में रावण ने 17 श्लोंको से भगवान शिव की स्तुति गाई है। जी दरअसल यह वह स्तोत्र है जिसे बहुत चमत्कारिक माना जाता है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसे पढ़ने से होने वाले लाभ के बारे में।
शिव तांडव स्त्रोत को पढ़ने से होने वाले लाभ-
* कहा जाता है जो मनुष्य शिवतांडव स्तोत्र द्वारा भगवान शिव की स्तुति करता है, उससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। हर दिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से कभी भी धन-सम्पति की कमी नहीं होती है।* शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से साधक को साथ ही उत्कृष्ट व्यक्तित्व की प्राप्ति होती है।
* कहा जाता है यह पाठ करने से व्यक्ति का चेहरा तेजमय होता है, आत्मबल मजबूत होता है।
* शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से मन की कामना पूरी हो जाती है।
* ऐसा माना जाता है कि हर दिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से वाणी की सिद्धि भी प्राप्त की जा सकती है।
* भगवान शिव नृत्य, चित्रकला, लेखन, योग, ध्यान, समाधी आदि सिद्धियों को प्रदान करने वाले हैं, इस वजह से शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से इन सभी विषयों में सफलता प्राप्त होती है।
* शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से शनि दोष को कुप्रभावों से भी छुटकारा मिलता है।
* जिन लोगों की कुण्डली में सर्प योग, कालसर्प योग या पितृ दोष लगा हुआ हो। उन सभी को भी शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।