पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 तक राज्य के सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 2300 पंचायतों में पंचायत भवन तैयार हो जाएंगे। वह सोमवार को विधान परिषद में डा समीर कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे।
मंत्री ने कहा कि यह भवन पंचायत मुख्यालय में बनाए जाएंगे। अगर मुख्यालय में किसी कारण जमीन नहीं मिलती है, तो ही अगल-बगल के पंचायतों में इसका निर्माण किया जाएगा। वहीं, दिलीप जायसवाल के ध्यानाकर्षण के जवाब में मंत्री ने कहा कि 2016-21 अवधि वाले पंचायती राज प्रतिनिधियों को मानदेय व भत्ता भुगतान के लिए जिलों को राशि दी जा चुकी है।
इस पर महेश्वर सिंह, अजय सिंह, रीना यादव, सौरभ कुमार ने पूरक प्रश्न में कहा कि जिलों को भले ही राशि चली गई हो, लेकिन प्रतिनिधियों को वह भत्ता नहीं मिल सका है। अब तक सभी वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति का खाता भी नहीं खुला है। ऐसे में सरकार पैसा किस खाते में भेजेगी और योजनाओं का क्रियान्वयन कैसे होगा। सरकार को चाहिए कि स्थानीय निकाय कोटे से चुने हुए विधान परिषद के 24 सदस्यों के साथ बैठक कर सभी मसलों पर चर्चा करे। इस पर मंत्री ने आवश्यक कार्रवाई की बात कही।
केंद्र ने दिए राज्य सरकार को दिए 904 करोड़
राजीव कुमार उर्फ गप्पू बाबू ने तारांकित प्रश्न करते हुए पूछा कि केंद्र सरकार ने ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में बदलने के लिए राज्य सरकार को इस वित्तीय वर्ष में 904 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं, इसकी उपलिब्ध क्या है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिहार सरकार को केंद्र से 903.43 करोड़ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए मिला है। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इसका निर्माण हो रहा है।
नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि 70 प्रतिशत राशि स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई है। विभाग को देखना चाहिए कि स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कितनी राशि खर्च की है और कितने केंद्र का निर्माण अब तक हो चुका है। दिनेश सिंह ने भी सवाल किया कि दो साल पहले राशि दी गई मगर स्थल ही तय नहीं है। एक जिले में भी निर्माण नहीं हुआ है, मंत्री जी दिखवा लें।