अधिकांश लोगों को पशुओं का साथ अच्छा लगता है और कुछ लोग तो उन्हें बिस्तर में सुलाने, हाथ से खाना खिलाने और किस करने से भी नहीं कतराते है. लेकिन इन सभी में सावदगनी भी बरतना जरूरी है. साथ ही बता दें कि जानवर और इंसान के बीच होने वाली इन बीमारियों को जूनोटिक डिसीस कहा जाता है, जो हवा, पानी, भोजन किसी के भी माध्यम से पनप सकती है.

अपने पालतू जानवरों के खून, लार और टिशूज से कई बीमारियां मनुष्यों में प्रवेश करती हैं और एक स्टडी की माने तो 10 संक्रामक बीमारियों में से 6 जानवरों से मनुष्य में फैलती हैं. जहां एंथ्रेक्स, बर्ड फ्लू, रेबीज जैसी बीमारियां काफी जानलेवा भी साबित होती हैं.
इन बातों का जिक्र आज हम आपसे आज इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि 6 जुलाई को हर साल ‘वर्ल्ड जूनोसिस डे” मनाया जाता है और इस दिन लोगों को इन बीमारियों के बारे में जागरूक भी किया जाता है और साथ ही उन्हें बताया जाता है कि वे पेट्स रखते समय स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरी बातों को बिलकुल भी नजरअंदाज न करें.
इन बातों का रखें ख़ास ध्यान…
-पेट्स को छूने के बाद हमेशा साबुन से हाथ धोएं.
-समय-समय पर वैक्सीनेशन का ध्यान रखें.
-पशुओं को पेट के कीड़े मारने की दवा देते रहें.
-पेट्स को बिस्तर के संपर्क में न आने दें.
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