एम्स्टर्डम। यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को हुए 2+2 मंत्रीस्तरीय संवाद से चीन की बेचैनी बढ़ी है। चीन ने इस बैठक पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अमेरिका चीन के खतरे का तथाकथित भय दिखाकर देशों को गुमराह कर रहा है। अमेरिका का यह प्रयास गुमराह करने वाला है। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका द्वारा प्रस्तावित इंडो पैसिफिक रणनीति दुनिया में शीत युद्ध की बढ़ावा देग। इससे टकराव की स्थिति पैदा होगी। यह शीत युद्ध की मानसिकता है।
द्विपक्षीय रक्षा समझौता और सहयोग चीनी रक्षा हितों के खिलाफ-
चीन के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों के मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय रक्षा समझौता और सहयोग चीन के रक्षा हितों के खिलाफ हैं। बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (बीईसीए) के दौरान हस्ताक्षरित पांच प्रमुख समझौतों में अमेरिका का चीन के प्रति प्रतिशोध झलकता है। भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन्य उपग्रह का लक्ष्य भी इसी के मद्देनजर है। रिपोर्ट के अनुसार, BECA पर हस्ताक्षर करने से भारत के लिए अमेरिका से रैपर्स या प्रीडेटर्स जैसे सशस्त्र ड्रोन हासिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है, जो भूमि और समुद्र पर शत्रुतापूर्ण लक्ष्यों के खिलाफ लंबी दूरी के सटीक हमलों के लिए हैं।
आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पाकिस्तान के खिलाफ-
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-अमेरिका मंत्रिस्तरीय-स्तरीय वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर समझौता किया गया है। यह पाकिस्तान के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ है। सवांद में दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद का उल्लेख किया है। इसके तहत पाकिस्तान से अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकवादियों और आतंकवादी संस्थाओं पर तत्काल और निरंतर कार्रवाई के लिए दबाव बनाया गया हे। मंत्रियों ने पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए नहीं किया जाता है। मुंबई, उरी, और पठानकोट में हुए आतंकवादी समूहों और व्यक्तियों के खिलाफ प्रतिबंधों के बारे में सूचना के आदान-प्रदान को जारी रखने के लिए भी सहमति व्यक्त गई। साथ ही आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण और संचालन, कट्टरपंथ, आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट का उपयोग पर नकेल कसने को लेकर चर्चा की गई।
2+2 मंत्रीस्तरीय संवाद का चुनावी लिंक-
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के ठीक पहले 2+2 मंत्रीस्तरीय संवाद यह दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो दशकों में भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में लगातार सुधार हुआ है। अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले चुनावों से ठीक एक हफ्ते पहले 2+2 संवाद यह विश्वास दर्शाता है कि दोनों पक्षों के बीच संबंध मजबूत हैं। इस चुनाव में कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति निर्वाचित हो भारत के साथ रिश्ते बेहतर रहेंगे। ट्रंप प्रशासन लगातार यह प्रयास कर रहा है कि रिपब्लिकन पार्टी के साथ भारत के संबंध बेहतर हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन ने भी भारत को आश्वास किया है कि भारत के साथ उनके रिश्ते बेहतर रहेंगे।