अमेरिकी चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन को इस चुनाव में जीत हासिल हुई है, लेकिन वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभी तक हार मंजूर करने को तैयार नहीं हैं। इसी बीच अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन में उन्होंने जो बदलाव किए हैं, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तख्तापलट की कोशिश कर सकते हैं। दरअसल टंंप की भतीजी के ट्वीट से भी इन कयासों को बल मिला है।
ट्रंप सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिकारियों को हटाया जा रहा है और मौजूदा राष्ट्रपति के वफादारों को इन पदों पर नियुक्त किया जा रहा है। सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा मंत्री मार्क एस्पर को हटा दिया। एस्पर की जगह राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र के निदेशक क्रिस्टोफर मिलर को नियुक्त किया गया।
ट्रंप लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि राष्ट्रपति चुनावों में धांधली की गई है। उनकी तरफ से लगातार ट्वीट कर जो बाइडन की जीत पर सवाल उठाया जा रहा है। दूसरी तरफ, ट्रंप से सहमति जताते हुए विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा और ट्रंप प्रशासन अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करेगा।
डोनाल्ड ट्रंप की भतीजी मैरी एल ट्रंप ने ट्वीट कर अमेरिका में तख्तापलट की तरफ इशारा किया है। मैरी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति-चुनाव जो बाइडन वैध और निर्णायक रूप से जीते। डोनाल्ड और उनके लोग कितना भी झूठ बोलें और बातों को घुमाएं, कुछ भी नहीं बदलेगा। सतर्क रहें -‘यह एक तख्तापलट का प्रयास है।’
ट्रंप प्रशासन ने मार्क एस्पर को हटाने के 24 घंटे बाद ही पेंटागन में कई बड़े अधिकारियों को पद से हटाना शुरू किया। इस निर्णय के बाद से सैन्य नेतृत्व और असैन्य अधिकारियों के बीच चिंता का माहौल है। पेंटागन के कार्यवाहक नीति प्रमुख जेम्स एंडरसन को पद से हटाया गया है। उनकी जगह उस अधिकारियों को पद सौंपा गया है जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को आतंकवादी तक कह दिया था।
पेंटागन के कार्यवाहक नीति प्रमुख का जिम्मा एंथनी टाटा को सौंपा गया है, जिन्होंने बराक ओबामा को आतंकवादी कहा था। टाटा हमेशा अपने विवादास्पद ट्वीट के जरिए सुर्खियों में बने रहते हैं। उन्हें रिपब्लिकन का कट्टर समर्थक माना जाता है और उनकी गिनती ट्रंप के करीबी लोगों में होती है।
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में हार नहीं स्वीकार करना शर्मिंदगी से भरा हुआ है। चुनावी नतीजे सामने आने के बाद से ट्रंप लगातार अपनी हार को नकार रहे हैं। इसे लेकर उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है।
डेलावेयर में बोलते हुए बाइडन ने कहा, मुझे लगता है कि यह शर्मिंदगी भरा है। काफी स्पष्ट रूप से, एकमात्र बात यह है कि मुझे लगता है कि यह राष्ट्रपति की विरासत को नुकसान पहुंचाएगा। मुझे लगता है कि अंत में 20 जनवरी को सारी चीजें ठीक हो जाएंगी और फिर एक उम्मीद यह है कि अमेरिकी लोग समझते हैं कि परिवर्तन हो चुका है।