राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan elections 2018) में कांग्रेस को अभी भी बहुमत के लिए एक सीट की जरूरत है. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने भी कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है. राजस्थान में कांग्रेस के समर्थन पर मायावती बोलीं कि अगर राजस्थान में कांग्रेस को जरूरत पड़ी तो बसपा समर्थन को तैयार है. उन्होंने मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है.
बता दें कि राजस्थान में बसपा को 6 सीटें मिली हैं और कांग्रेस 99 सीटें पाकर बहुमत से 1 सीट कम पर है. मायावती ने कहा ‘हमारी पार्टी बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए चुनाव लड़ी थी. इसी मकसद के साथ कांग्रेस की विचारधारा से मेल नहीं खाने के बावजूद कांग्रेस का समर्थन करेगी.’
विधायक दल की बैठक आज
राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम (Rajasthan Assembly elections result 2018) के बाद कांग्रेस ने आज (12 दिसंबर) जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई है. इस बैठक में विधायक दल नेता सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी. पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान करेगा लेकिन इस बारे में बुधवार शाम तक फैसला होने की पूरी संभावना है. राजस्थान में कांग्रेस ने राज्यपाल से शाम 7 बजे मिलने का समय मांगा है. माना जा रहा है कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
कांग्रेस को 99, बीजेपी को 73 सीटें
राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly elections 2018) में बीजेपी को 73 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. वहीं अगर अन्य दलों की बात करें तो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 6 सीटें मिली हैं. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) को 2 सीटें मिली हैं. वहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2, राष्ट्रीय लोक दल को 1 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 3 सीटें मिली हैं. इसके अलावा इन चुनावों में 13 निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है.
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि पार्टी विधायक दल की बैठक बुधवार सुबह 11 बजे प्रदेश मुख्यालय में होगी. इसमें विधायकों की राय ली जाएगी और पार्टी आलाकमान को अवगत कराया जाएगा. इसके बाद शाम को पुन: बैठक होगी जिसमें मुख्यमंत्री का नाम तय हो सकता है. पार्टी के पर्यवेक्षक के सी वेणुगोपाल यहां पहुंच गए हैं.
गहलोत साबित हो सकते हैं ‘जादूगर’
अब अगर कांग्रेस को राजस्थान में सरकार बनाने के लिए एक सीट की व्यवस्था की बात करें तो माना जा रहा है कि इसमें उसे निर्दलीयों का सहयोग मिल सकता है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यहां मुख्यमंत्री की रेस में आगे चल रहे वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत की निर्दलीय प्रत्याशियों में पैठ मानी जाती है.
राजस्थान में कांग्रेस के बागी नेता, जो निर्दलीय विधायक बने हैं, वो अशोक गहलोत के बेहद करीबी बताए जाते हैं. जैसे बाबूलाल नागर, महादेव सिंह खंडेला, रामकेश मीणा निर्दलीय विधायकों का भी अशोक गहलोत को ही समर्थन है. ऐसे में गहलोत के कारण कांग्रेस को इन तीन निर्दलीयों को समर्थन मिलना तय माना जा रहा है.