जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में भले ही प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद सुलह हो गई है, लेकिन झगड़ा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य के सीएम अशोक गहलोत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बहाने जनता के बीच सचिन पायलट की बगावत की बातें याद करते रहते हैं. लेकिन पहली बार कैबिनेट मीटिंग में सीधे- सीधे पायलट खेमे से मंत्री बनाए गए मंत्रियों के सामने सीएम गहलोत ने एक दफा फिर से पुरानी कहानी दोहरा दी.
मंत्रियों के साथ सीएम गहलोत और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव की मीटिंग हुई. इसमें 80 बनाम 19 विधायकों का मुद्दा गहलोत ने फिर उठा दिया. उन्होंने कहा कि यदि बसपा से आए और निर्दलीय MLA साथ नहीं देते तो आज कैबिनेट की बैठक नहीं होती. रमेश मीणा, हेमाराम जी सहित कई लोग जा चुके थे. इस पर मंत्री मुरारी मीणा ने उन्हें टोका कि साहब इस मुद्दे को और कब तक बोलते रहेंगे. अब बार-बार इन बातों को करने का कोई औचित्य नहीं लगता.
दरअसल, सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस हाईकमान, बसपा और निर्दलीय विधायकों को सरकार में शामिल करने की अनुमति नहीं दे रहा है. बताया जा रहा है कि गहलोत कांग्रेस महासचिव के सामने कैबिनेट की बैठक में इसी बात की भड़ास निकाल रहे थे. कैबिनेट मीटिंग में अशोक गहलोत के इस प्रकार की बातें कहने से यह भी संदेश गया है कि शायद कांग्रेस हाईकमान के दखल के बाद पायलट गुट को जिस तरह से कैबिनेट में तरजीह मिली है, उससे भी गहलोत नाराज़ हैं.