हल्दी
लो यूरिन वॉल्यूम, रीनल फेलर और कुछ सामान्य संक्रमण के इलाज में हल्दी का इस्तेमाल होता है। इसके कई फायदे हैं, जैसे, ये इंफेक्शन के खतरे को घटाता है, सूजन कम करता है, किडनी की पथरी बनने से बचाव करता है और किडनी सिस्ट भी ठीक करता है।
धनिया
धनिया के इस्तेमाल से दर्द से आराम देने वाला प्रभाव पड़ता है। ये पेशाब के दौरान होने वाली जलन को शांत करने में मदद करता है। ब्लैडर और यूरीटर का इंफेक्शन ठीक कर सकता है। नैचुरल डाइयूरेटिक होने के नाते ये किडनी को स्वास्थ्य रखता है।
चंदन
ठंडक के गुण वाला चंदन रोगाणुओं से लड़ता है इसलिए यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) और पेशाब के दौरान होने वाले दर्द से राहत के लिए चंदन का शरबत पीने की सलाह दी जाती है। चंदन में प्राकृतिक एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो किडनी के संक्रमण को दूर करते हैं।
त्रिफला
त्रिफला किडनी के सभी फंक्शन के सुधार में मददगार है। त्रिफला उत्सर्जन तंत्र के दो प्रमुख अंग लिवर और किडनी को मजबूती देता है।
अदरक
शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए अदरक का इस्तेमाल हमेशा से किया जाता है। ये किडनी और लिवर से टॉक्सिन्स हटाता है। अदरक किडनी में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है।