सेक्स लाइफ में कभी ना कभी कुछ तनाव महसूस करते है इसलिए आज हम आपको ऎसी ही कुछ भ्रातियों से अवगत कराने जा रहा है जिसे जानने-समझने के बाद आपकी सेक्स लाइफ पहले से बेहतर और सुरक्षित बन सकती है।
यह धारणा ज्यादातर महिलाओं में होती है कि पुरूष को ही पहले आगे आना चाहिए और उन्हें सिर्फ उनकी इच्छाओं की पूर्ति करनी चाहिए जबकि ऎसा बिल्कुल नहीं है। वास्तव में यौन आवश्यकता एक शारीरिक आवश्यकता है, इसलिए इसमें दोनों को समान रूप से भागीदार होना चाहिए। महिलाएं सेक्स के दौरान अक्सर अपनी इच्छाओं को छुपाती है परन्तु आपको ऎसा न करके पूरे जोश के साथ अपने साथी का साथ देना चाहिए। यह आप दोनों को बेहतर आनंद और अच्छी समझ प्रदान करेगा।
यह एक ऎसी गलत धारणा है जिसने कई घर बरबाद किए है। अक्सर लोगों का मानना है कि अगर पहली बार यौन-संबंध बनाते समय महिला को ब्लीडिंग नहीं हुआ है तो शायद वह पहले भी किसी के साथ शारीरिक संबंध बना चुकी हैं। यह बिल्कुल गलत है असल में ब्लीडिंग होना महिलाओं में उपस्थित हायमन झिल्ली के फट जाने से होता है परन्तु यह हायमन झिल्ली सेक्स के दौरान ही नहीं बल्कि साइकिल चलाने घुडसवारी करने खेलने-कूदने आदि से भी फट सकती है। इसलिए बिना किसी ठोस सबूत के अपने साथी पर अविश्वास न करें। आपका विश्वास ही आपके प्यार और रिश्तों की मिठास के लिए महत्वपूर्ण है।
यह एक गलतफहमी है कि बिना गर्भनिरोधक के प्रयोग के भी पुरूष द्वारा योनि से बाहर स्खनल करने पर गर्भधारण नहीं होता है। वास्तव में सेक्स के दौरान वीर्य सहित अन्य द्रव उत्सर्जित होते रहते है जिनमें शुक्राणु मौजुद रहते है जो आसानी से अंडाशय से मिलकर गर्भधारण की स्थिति ला सकते हैं। यह संकमण के लिए भी जिम्मेदार हो सकते है। कोई भी पुरूष शुक्राणुओं को लीक होने से पहले ही आ जाने से नहीं रोक सकता इसलिए हमेशा गर्भनिरोधक का इस्तेमाल कीजिए।
यह भी एक भ्रांति ही है असल में शुक्राणु सेक्स करने के कई दिनों बाद तक जीवित रहते है इसलिए पीरियड के दौरान भी आप गर्भ धारण कर सकती है हांलाकि इस दौरान शुक्राण थो़डे शिथिल जरूर होते परन्तु इनकी उपस्थिति को अनदेखा नही किया जा सकता है।
पीरियड के साथ एक और गलतफहमी जुडी है कि इस दौरान सेक्स नही करना चाहिए दरअसल यह ठीक है कि इस अवस्था में गर्भाशय व उसका मुंह काफी संवेदनशील हो जाता है। और सेक्स के दौरान लिंग, योनि में प्रवेश कर गर्भाशय के मुंह पर आघात करता है जिससे जख्म व इंफेक्षन होने का खतरा ब़ड सकता है। परन्तु हाइजीन का ध्यान रखा जाए तो एक अच्छे गर्भनिरोधक के प्रयोग के साथ आपसी सहमती से पीरियड के दौरान यौन-संबंध बनाए जा सकते है।
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अक्सर लोग ये मानते है कि सेक्स से पहले दुध पीने या चॉक्लेट खाने से सेक्स आंनद बढ़ाया जा सकता है जबकि यह सिर्फ एक गलतफहमी है वैज्ञानिक रूप से यह आज तक साबित नही हो पाया है कि यह विशेष आहर सेक्स लाइफ को प्रभावित करते है।
शीघ्रपतन एक रोग है: यह भी एक गलत धारणा है। कई बार अति उत्तेजना व डिप्रेशन के कारण भी शीघ्रपतन की समस्या हो सकती है। हॉ अगर यदि शिश्न के अग्रभाग में इंफेकशन है तो इसकी जॉंच आवश्यक है। परन्तु यह कोई बीमारी नही है अपने आप को मानसिक रूप से तैयार करे और एक आनंदमय यौन जीविन व्यक्ति करें
यह सच है कि कंडोम एच.आई.वी और अन्य यौन संचारित रोगो से सुरक्षा प्रदान करता है परंन्तु त्वचा का वह भाग जो कंडोम द्वारा नही ढका होता है बीमारिया फैलाने में सक्षम होता है। कई लोगो का यह भी मानना है कि कंडोम को धोकर पुन: इस्तेमाल किया जा सकता है वास्तव मे आप एक कंडोम को दुबारा इस्तेमाल नही कर सकते है अगर आप एक ही समय मे पुन: सेक्स कर रहे है तो 30 मिनट के भीतर कंडोम को बदल लेना चाहिए क्योंकि एक बार इस्तेमाल हो जाने की स्थिति मे यह ढीला हो जाता है और इसके फटने की संभावना बढ़ जाती है।
अक्सर लोगो का मानना है कि युवावस्था में ही सेक्स करना चाहिए लेकिन यह पूर्णयतया गलत है एक अच्छे शारीरिक व मानसिक विकास के लिए हर उम्र के लोगों के लिए सेक्स उपयोगी साबित होता है। यदि आप और आपका साथी मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार है तो किसी भी उम्र मे यौन संबंधो का आनंद लिया जा सकता है।