देश में सर्वाधिक 3.37 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन उत्तर प्रदेश की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सर्वाधिक बड़े बाजार में निवेशकों की रुचि को देखते हुए योगी सरकार अब नई इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति-2022 लाने जा रही है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी व सहायक उपकरण निर्माण करने वालों को तमाम रियायतें दी जाएंगी।
प्रदूषण रोकने, ईंधन के सस्ते विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) व बैटरी निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्यूफैक्चरिंग एंड मोबलिटी पालिसी-2022 नीति का मसौदा तैयार हो गया है। इसे जल्द कैबिनेट से पास करा कर ग्लोबल समिट में निवेशकों के सामने रखा जाएगा। निर्माण यूनिट को प्रोत्साहन राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन व बैटरी व सहायक उपकरणों का उत्पादन होगा। सरकार की योजना बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, फ्यूल सेल सिस्टम व इन्टेलीजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम विकसित करने की है।
पहले पांच मेगा (पांच सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश) ईवी परियोजनाओं व पहली पांच मेगा इलेक्ट्रिक बैटरी यूनिट के लिए 20 प्रतिशत की दर से कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी। यह अधिकतम 500 करोड़ रुपये होगी। बड़े ईवी प्रोजेक्ट व बड़े बैटरी प्रोजेक्ट में 15 प्रतिशत की दर से (अधिकतम 75 करोड़ रुपये) व एमएसएमई सेक्टर में 10 प्रतिशत (अधिकतम पांच करोड़) की दर से सब्सिडी दी जाएगी। एकीकृत ईवी प्रोजेक्ट व अल्ट्रा परियोजना लगाने पर स्टांप डयूटी में 100 प्रतिशत की छूट मिलेगी। मेगा, बड़े व एमएसएमई के तहत लगने वाली ईवी परियोजनाओं में पूर्वांचल व बुंदेलखंड में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।
इस तरह करना होगा आवेदन
इन्वेस्ट यूपी के जरिए निवेशक कर सकेंगे आवेदन किया जा सकेगा। औद्योगिक विकास मंत्री, औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव व इंवेस्ट यूपी के सीईओ के जरिए आवेदन को मंजूरी दी जाएगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी से निवेशक का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा।