लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने गुरुवार को एक दर्जन फैसलों पर अपनी सहमति जता दी है। लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न इस बैठक में सरकार की बड़ी योजना गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए बिडिंग प्रक्रिया के साथ ही 12 अन्य प्रस्तावों पर मुहर लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक में 36230 करोड़ रुपये लागत की गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के आरएफपी (रिक्वेस्ट फा़र प्रपोजल) और आरएफक्यू (रिक्वेस्ट फार क्वालिफिकेशन) दस्तावेजों को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट बैठक के बाद जानकारी राज्य सरकार के प्रवक्ता और एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को राज्य सरकार ने 26 नवंबर 2020 को मंजूरी दी थी। यह देश की सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना है। कैबिनेट ने फैसला लिया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 60 दिनो के अंदर बिडिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 36,230 करोड़ की लागत आएगी। इसके लिए सिविल निर्माण में 19 हजार 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इस योजना के लिए 92.20 भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। सिक्स लेन के इस एक्सप्रेस-वे पर एयर स्ट्रिप भी बनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश एकसप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलप्मेंट अथारिटी(यूपीईडा) के इस प्रोजेक्ट के तहत गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण मेरठ से प्रयागराज तक होगा। यह गंगा एक्सप्रेस-वे कुल 594 किलोमीटर का प्रस्तावित है। यह गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से प्रयागराज तक प्रस्तावित है। कैबिनेट ने गंगा एक्सप्रेस-वे के रेग्युलेटेड क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क(आरक्यूएफ) तथा रिहेबिलेशन प्रोजेक्ट फोर्स (आरपीएफ) को भी हरी झंडी दी है।
कैबिनेट ने आज इस परियोजना की 36230 करोड़ रुपये की लागत को मंजूरी दी है। इसमें जीएसटी सहित सिविल व निर्माण कार्यों के लिए 22125 करोड़ रुपये और जमीन खरीदने के लिए 9255 करोड़ रुपये की लागत शामिल है। गंगा एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा जिसे चौड़ा करके आठ लेन में तब्दील किया जा सकता है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण चार पैकेजों में किया जाएगा। हर पैकेज की लागत 5000 से 5800 करोड़ रुपये के बीच है। इसके लिए 30 वर्ष का कंसेशनायर एग्रीमेंट किया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे डीबीएफओटी (डेवलप, बिल्ड, फाइनेंस, आपरेट एंड ट्रांसफर) माडल पर विकसित किया जाएगा। इस पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। एक्सप्रेसवे पर विमानों की लैंडिंग के लिए एयर स्ट्रिप भी बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे पर वे स्थान चिन्हित कर लिए जाएं जहां इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा सकते हैं। एक्सप्रेसवे पर नौ स्थानों पर जन सुविधाएं विकसित की जाएंगी। परियोजना के लिए बिल्डिंग प्रक्रिया 60 दिन में पूरी कर ली जाएगी। प्रदेश सरकार ने इसके साथ ही पीपीपी मॉडल पर 16 जिलों में मेडिकल कॉलेज को भी मंजूरी दी है। इसके साथ ही ललितपुर में नए एयरपोर्ट तथा एयरस्ट्रिप को मंजूरी दी गई है। यहां पर छोटे हवाई जहाज के लिए नया एयरपोर्ट बनेगा।