कोरोना संकट के बीच देश के अलग अलग राज्यों से पलायन का दौर जारी है. लॉकडाउन की वजह से लोगों का रोजगार चला गया दूसरे राज्यों में मजदूरी करने पहुंचे लोग अब बिना काम के हैं. ना तो खाने की व्यवस्था है और ना ही रहने की जगह.

ऐसे में ये लोग जल्द से जल्द अपने घर पहुंचना चाहते हैं. अब घर पहुंचने के लिए कोई पैदल ही निकल गया तो कोई ट्रकों में भरकर घर पहुंचने की लड़ाई लड़ रहे हैं.
न्यूज़ ने कल एक रिपोर्ट दिखाई थी जिसमें बताया था कि कैसे ट्रकों से मजदूर बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश पहुंच रहे हैं. ना तो इन मजदूरों का कोई चेकअप हुआ और ना ही इनके क्वॉरन्टीन की व्यवस्था की गई.
अब महाराष्ट्र से जो मजदूर उत्तर प्रदेश पहुंच रहे हैं, उसे लेकर श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मजदूर जो अपने साधनों से बिना जांच-पड़ताल के उत्तर प्रदेश में आ रहे हैं, वह मौत के सौदागर हैं.
मौर्य ने कहा, ”यह लोग अपने परिवारों को मौत बाटेंगे. इनको धैर्य रखना चाहिए, हम इन्हें निकालेंगे. अगर खाने पीने कि कहीं कोई दिक्कत है तो अपने संबंधित जिले के विधायक या सांसद को इसकी सूचना दें. नोडल अफसरों के नंबर जारी किए गए हैं, उनको फोन करें. हम प्रवासी मजदूरों को निकालने का काम लगातार कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, ”बसों और ट्रेनों के जरिए उनको उनके गृह जनपद तक पहुंचाया जा रहा है लेकिन इस तरह से आना बहुत गलत है. इससे कोरोना का संक्रमण निश्चित रूप से पूरे उत्तर प्रदेश में फैलेगा. महाराष्ट्र सरकार जानबूझकर इन्हें बिना जांच के ट्रकों में ठूंसकर यूपी भेज रही है.”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे राज्यों से अपने यहां फंसे यूपी के श्रमिकों की जिलेवार सूची मांगते हुए कहा कि उनकी सरकार सूबे के सभी प्रवासी कामगारों को वापस लाना चाहती है.
मुख्यमंत्री ने यहां एक बयान में कहा कि प्रदेश सरकार अपने राज्य के सभी कामगारों और श्रमिकों को वापस लाना चाहती है. इसके लिए संबंधित राज्य सरकारों से अपने यहां फंसे उत्तर प्रदेश के कामगारों की जनपदवार सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है. जो राज्य सरकारें सूची उपलब्ध करा रही हैं, उन्हें लाने की व्यवस्था हम तत्काल दे रहे हैं.
योगी ने कहा कि अभी तक दूसरे प्रदेशों से करीब 30 हजार कामगारों को लेकर 37 रेलगाड़ियां उत्तर प्रदेश आ चुकी हैं. इसके अलावा पिछले सप्ताह हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश से भी बसों से 30 हज़ार से अधिक श्रमिक लाए गए हैं. इससे पहले मार्च में भी साढ़े छह लाख प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश लाया गया था.
उन्होंने बताया कि श्रमिकों को लेकर आज 20 ट्रेनें आ रही हैं. शुक्रवार को भी 25 से 30 ट्रेनें प्रवासी कामगारों को लेकर प्रदेश में आएगी. उन्हें उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए परिवहन निगम की 10,000 से ज्यादा बसें लगाई गई हैं. यहां आने वाले हर कामगार को जांच के लिए क्वॉरंटीन सेंटर में रखने और उन्हें सुरक्षित घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.
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