लंपी स्किन वायरस का प्रकोप उत्तर प्रदेश के बिजनौर में तेजी से फैल रहा है। बड़ी संख्या में गोवंश और भैंस लंपी वायरस की चपेट में आ रहे हैं। अब तक जिले के अलग-अलग इलाकों के 68 गांवों में 377 पशु लंपी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जबकि चार पशु दम तोड़ चुके हैं। वहीं पूरे राज्य की बात करें तो उत्तर प्रदेश में अब तक कम से कम 15,000 मवेशी लंपी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 115 मवेशियों की मौत हो चुकी है। यूपी के 1414 गांव इस वायरस की चपेट में हैं। यूपी सरकार ने लंपी वायरस की रोकथाम के लिए टीम-9 का गठन किया है, जो बीमारी की रोकथाम के लिए 29 अगस्त से 3 सितंबर तक 6 दिन का अभियान चला रही है।
लंपी वायरस के ज्यादातर मामले पश्चिमी यूपी के 21 जिलों से सामने आए हैं। इनमें अलीगढ़, अमरोहा, बागपत, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, संभल, शाहजहांपुर, शामली, फिरोजाबाद और बरेली शामिल हैं। राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों और मेलों से जानवरों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। सरकार ने दावा किया कि जानवरों के लगातार टीकाकरण से इस घातक वायरस पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
क्या है लंपी वायरस?
लंपी वायरस दुनियाभर के पशुओं के लिए बड़ा खतरा है। यह आनुवंशिक रूप से गोटपॉक्स और शीपपॉक्स वायरस फैमिली से संबंधित है। एलएसडी मुख्य रूप से खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए फैलता है और मवेशियों को संक्रमित करता है। संक्रमण के लक्षणों में जानवर की खाल या त्वचा पर गोल-गोल गांठें बननी शुरू हो जाती है।