बसपा नेता और पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इस पूरे मामले में एसीजेएम कोर्ट-5 ने अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए खाद्य विभाग द्वारा अधिग्रहित प्रोसेस मीट के दोबारा से सैंपलिंग कराने का सशर्त आदेश दिया है।
अधिवक्ता अनिल बख्शी ने बताया की अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था कि दिनांक 21 मई 2022 को थाना खरखौदा ने जो प्रोसेस मीट एवं हड्डियां कब्जे में ली थी, उन्हें सुपुर्दगी में दिया जाए। तर्क दिया गया की उन्हें जान बूझकर गलत मामले में फंसाया गया है। कंपनी के पास फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी के अंतर्गत मीट प्रोसेस करने और उसको भंडारण करने का पूर्ण अधिकार था। इसके बावजूद भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम में दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए मनमानी कार्यवाही करते हुए फ्रीज में रखा हुआ मीट एवं प्रोसेस मीट अधिग्रहित कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि मीट का कोई सैंपल फेल होने की रिपोर्ट पर नहीं आई, बल्कि गलत लेबलिंग पाई गई। जबकि अभियोजन अधिकारी का तर्क था कि मीट का भंडारण अवैध रूप से किया जा रहा था, क्योंकि लाइसेंस समाप्त हो चुका था।
वहीं बचाव पक्ष ने बताया कि फैक्ट्री का लाइसेंस 2023 तक मान्य है। पूरे मामले को सुनने के बाद अदालत ने आदेश पारित किए की कंपनी अपने खर्चे पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी मेरठ के दिशा निर्देशों के अधीन मीट की सैंपलिंग इस प्रकार से कराएं की समस्त सोसाइटी मीट की गुणवत्ता के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके। साथ ही सैंपलिंग करने के पश्चात आवेदक मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय या केंद्र स्तरीय संस्थान से सैंपल की जांच कराएगा। यह समस्त कार्यवाही आदेश के एक माह के अंदर पूरी कराई जाएगी। सैंपलिंग कराए जाने के दौरान संबंधित थाने के विवेचक और जनता के दो सम्मानित व्यक्ति और खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। सैंपल से प्राप्त जांच आख्या में जो सैंपल मानक के अनुरूप नहीं पाया जाएगा, उसकी सूची में पैकेट संख्या संबंधित विवेचक को तैयार कर उपलब्ध कराई जाएगी और पैकेट नियम अनुसार नष्ट करने की कार्रवाई भी की जाएगी।