यांगून, म्यांमार के जुंटा सैन्य शासन द्वारा महीनों तक हिरासत में रखे गए एक अमेरिकी पत्रकार पर आतंकवाद और देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। पत्रकार के वकील ने बुधवार को समाचार एजेंसी एएफपी को इस बारे में जानकारी दी और कहा कि पत्रकाप दोषी पाए गए तो उन्हें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।

डेनियल फेनस्टर, जिन्हें मई में देश छोड़कर जाते वक्त गिरफ्तार किया गया था, उनपर ‘आतंकवाद विरोधी कानून की धारा 50 (ए) और दंड संहिता की धारा 124 (ए) के तहत दो आरोप लगाए गए’। यह जानकारी उनके वकील थान जॉ आंग ने एएफपी को दी।
आतंकवाद विरोधी कानून के तहत दोषसिद्धि में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। 37 वर्षीय फेनस्टर को सेना के खिलाफ देश के तख्तापलट शासन के खिलाफ अशांति को उकसाने के आरोप में हिरासत में लिया गया था और आव्रजन कानून का उल्लंघन करने के भी आरोप पहले से ही लगे हुए हैं।
नए आरोप पूर्व अमेरिकी राजनयिक और बंधक वार्ताकार बिल रिचर्डसन के राजधानी नेपीता में जुंटा प्रमुख मिन आंग हलिंग से मिलने के कुछ दिनों बाद लगे हैं। माना जाता है कि फेनस्टर को नजरबंदी के दौरान कोविड-19 हुआ था, परिवार के सदस्यों ने अगस्त में अमेरिकी पत्रकारों के साथ एक कान्फ्रेंस काल के दौरान कहा था।
बता दें कि 1 फरवरी को सेना ने सत्ता पर काबिज करते हुए आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार को हटा दिया और सभी बड़े नताओं को हिरासत में ले लिया और तख्तापलट को अंजाम दिया गया। इसके बाद देश में हाल स्थिर नहीं हो सके हैं। कई संघर्ष देखने को मिले, जिसमें बेकसूर नागरिक भी मारे गए।
एक स्थानीय निगरानी समूह के अनुसार, असंतोष पर कार्रवाई में सुरक्षा बलों द्वारा 1,200 से अधिक लोग मारे गए हैं। प्रेस भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि जुंटा सूचना के प्रवाह पर नियंत्रण को कड़ा करने की कोशिश में रहा है, इंटरनेट का उपयोग कम करने को कहा गया है और स्थानीय मीडिया आउटलेट्स के लाइसेंस को रद कर दिए गए।
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