थाईलैंड के दक्षिण याला प्रांत में स्थित एक मुस्लिम बहुल इलाके में मंगलवार को देर रात संदिग्ध कट्टरपंथी आतंकवादियों ने 15 लोगों को गोलियों से भून दिया। अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा चौकी को हमलावरों द्वारा टारगेट बनाया गया था। इसमें हमले में चार सुरक्षाकर्मी भी जख्मी हुए हैं। पुलिस ने जब इन हमलावरों को पकड़ना के लिए आगे बढ़ी, तो इन आतंकियों ने बचने के लिए सड़क पर विस्फोटक और कीलें बिखेर दीं।
थाईलैंड के दक्षिणी सेना के प्रवक्ता प्रमोत प्रोम-इन ने बताया है कि पिछले कुछ वर्षों में यह देश में हुई सबसे बड़ी फायरिंग की घटना है। उन्होंने बताया है कि चरमपंथी अपने साथ एम-16 राइफल और शॉटगन लेकर आए थे। इस हमले में 12 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि तीन ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। प्रमोत ने बताया कि इस हमले के पीछे विद्रोहियों की साजिश हो सकती है। इस हमले को लेकर किसी आतंकी संगठन की ओर से कोई दावा नहीं किया गया है। हालांकि, यह बताया जा रहा है कि इसके पीछे मुस्लिम चरमपंथियों का हाथ हो सकता है।
आपको बता दें कि पिछले पांच दशक से मुस्लिम विद्रोही अपने लिए अलग देश की मांग कर रहे हैं। दरअसल, 1909 में थाईलैंड के अलग-अलग इलाकों पर फ्रांस और ब्रिटेन ने अपना कब्जा जमा लिया था। इससे पहले याला, पटरानी और नरथिवत एक स्वतंत्र मलय मुस्लिम सल्तनत का भाग थे। 1932 में जब थाईलैंड को स्वतंत्रता मिली तो यह बौद्ध बहुल देश बन गया। इसके बाद से ही मुस्लिम समूहों द्वारा थाईलैंड से अलग एक राष्ट्र बनाने की मांग उठने लगी थी।