अटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने सीबीआई के अंतरिम प्रमुख एम नागेश्वर राव की नियुक्ति पर एक गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ता और वकील प्रशांत भूषण के बयानों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की अर्जी मामले पर आज सुनवाई हुई. प्रशांत भूषण ने अर्ज़ी दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट के जज अरुण मिश्रा से खुद को सुनवाई से अलग करने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने यह मांग ठुकरा दी. 
सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि वह उस ट्वीट के लिए माफी मांगने को तैयार हैं, जिसमें उन्होंने सरकार पर नागेश्वर राव मामले में कोर्ट को झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया था. वहीं, अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वो अवमानना याचिका वापस लेने को तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात पर सुनवाई करेंगे कि लंबित मामलों में वकील किस हद तक बयानबाज़ी कर सकते है.
29 मार्च को होगी मामले की सुनवाई
आज हुई पसुनवाई में कोर्ट ने प्रशांत भूषण की माफी को रिकॉर्ड पर लिया है. कोर्ट ने भूषण से पूछा कि आपने जजों को सुनवाई से हटने के लिए कहा. क्या इस पर भी माफी मांगेंगे. कोर्ट के सवालों पर जवाब देते हुए भूषण ने कहा कि वह इस मामले पर माफी नहीं मांगेंगे.
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