माथापच्ची के बाद आखिरकार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की कमान भूपेश बघेल के हाथों में सौंपी गई है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ में सीएम का नाम तय करने में कांग्रेस को खूब मशक्कत करनी पड़ी। उन दोनों राज्यों से छत्तीसगढ़ का फैसला काफी मुश्किल रहा क्योंकि यहां दो नहीं, चार-चार दावेदार थे लेकिन आखिर में बाजी भूपेश ने मारी, हालांकि भूपेश बघेल को सीएम की सीट तक पहुंचने में काफी लंबा सफर तय करना पड़ा है। 
भूपेश बघेल कुर्मी समुदाय से आते हैं
रमन सिंह की सत्ता को इस तरह से सफाया करना हर किसी के बस की बात नहीं थी लेकिन लंबे संघर्ष के बाद सफलता हासिल करने वाले बघेल को उनकी मेहनत का पुरस्कार मिला है वैसे बघेल के सीएम चुने जाने के कई कारण कारण है लेकिन सबसे अहम कारणों में से एक है उनका कुर्मी जाति से आना।
ओबीसी समुदाय ने कांग्रेस के पक्ष में किया वोट
इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन छत्तीसगढ़ की ओबीसी समुदाय में खासा अच्छा रहा, कुर्मी समाज ने कांग्रेस को विजयी बनाने में अहम रोल निभाया है, आपको बता दें कि भूपेश बघेल साल 1993 से ही मानव कुर्मी समाज के संरक्षक के रूप में काम कर रहे हैं।
लोकसभा चुनावों में मिलेगा फायदा
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कुर्मी और साहू समुदाय कुल आबादी का 36 फीसदी है जो किसी भी दल को जीत दिलाने के लिए काफी हैं और इन्हीं का बंपर वोट कांग्रेस के पक्ष में गया जिसकी वजह से आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस राज करने जा रही है। यही फायदा पार्टी को लोकसभा चुनावों में मिले इसलिए बघेल पर पार्टी आलाकमान ने मुहर लगाई है।
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