कानपुर देहात के रूरा के मड़ौली में झोपड़ी में लगी आग देर रात तक हंगामा। शिवपाल सिंह यादव ने सरकार की महिला सशक्तीकरण और बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ पर सवाल उठाते हुए किया ट्वीट। प्रशासन को भी हाशिए पर लिया।
कानपुर जिले में रूरा के मड़ौली गांव में सोमवार शाम चार बजे हृदय विदारक घटना हुई। एसडीएम और पुलिस सरकारी जमीन से कब्जा हटवाने पहुंची तो कब्जेदार कृष्णगोपाल दीक्षित ने मोहलत मांगी। समय सीमा खत्म होने की बात कहकर बुलडोजर (बैकहो लोडर) से कब्जा हटाना शुरू किया गया तो कृष्णगोपाल की पत्नी 50 वर्षीय प्रमिला और उनकी बेटी 19 साल की नेहा झोपड़ी में चली गईं। कुछ देर में अंदर आग लग गई और मां-बेटी जिंदा जल गईं।
राजनीति, शिवपाल सिंह ने किया ट्वीट
इस घटना पर राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने सरकार पर हमला बोला है। ट्वीट कर शिवपाल सिंह यादव ने सवाल खड़े किए हैं। शिवपाल ने ट्वीट में कहा है कि कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के सामने ही मां-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी और पुलिस तमाशा देखती रही। अतिक्रमण हटाने व बुलडोजर के जोश में प्रशासन आखिर अपना होश क्यों खो रहा है। क्या ‘ महिला सशक्तिकरण’ व ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात केवल कागजी
स्वजन ने पीटकर लेखपाल को किया लहूलुहान
इस घटना में मां और बेटी को बचाने में रूरा एसओ दिनेश गौतम, कृष्णगोपाल व बेटा शिवम झुलस गए। स्वजन ने लेखपाल को पीटकर लहूलुहान कर दिया। इस बीच एसडीएम व पुलिस टीम वहां से भाग खड़ी हुई। पुलिस ने एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक कुमार चौहान, रूरा थाना प्रभारी, बुलडोजर चालक समेत गांव के पांच लोग नामजद, 15 अज्ञात पुलिसकर्मियों, तीन लेखपाल व एक कानूनगो के साथ 15 अन्य अज्ञात पर हत्या, हत्या का प्रयास और आगजनी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
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