महाराष्ट्र सरकार में तकरार! निर्णय प्रक्रिया में जगह न मिलने पर कांग्रेस नाराज, उद्धव से करना चाहती है मुलाकात

महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई वाली महाविकासअघाड़ी (MVA)गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं दिखाई दे रहा है। गठबंधन में तीन सहयोगियों में से एक कांग्रेस निर्णय लेने की प्रक्रिया और अहम बैठकों में शामिल न होने से नाराज दिखाई दे रही है। पार्टी इसका हिस्सा बनना चाहती है। इसी कवायद में उसके बड़े नेता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की कोशिश में हैं।

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के भीतर ‘तकरार’ की बात को स्वीकार करते हुए, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने नौकरशाहों इसके लिए दोषी ठहराया और कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समक्ष मामला उठाएगी। हम मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश कर रहे हैं और फिर हम उनके साथ अपने सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। हमें अगले दो दिनों में बैठक की उम्मीद है।

राज्य में कांग्रेस को अकेला छोड़ दिया गयासमाचार एजेंसी पीटीआइ ने जानकारी दी कि कांग्रेस के एक नेता के अनुसार मुख्यमंत्री उद्धव राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार के साथ कोरोना वायरस और चक्रवात निसर्ग समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं इससे यह भावना पैदा हुई है कि राज्य में कांग्रेस को अकेला छोड़ दिया गया है। पार्टी के भीतर कुछ मुद्दों को लेकर नाराजगी है, जिसे लेकर हम सीएम के साथ चर्चा करना चाहते हैं और हल निकालना चाहते हैं।

बालासाहेब थोरात और अशोक चव्हाण कर सकते हैं उद्धव से मुलाकात 

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि जब पिछले साल नवंबर में गठबंधन की सरकार बनने के बाद, यह निर्णय लिया गया था कि सत्ता और जिम्मेदारियों का समान बंटवारा होगा। पार्टी सूत्र ने कहा कि राज्य के कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोरात और पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण सोमवार को ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं, जिसमें राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद के नामांकन, राज्य में चलने वाले बोर्ड और निगमों के लिए नियुक्तियां, कांग्रेस के मंत्रियों की समस्याओं पर चर्चा होगी।

कांग्रेस पहले भी जता चुकी है असंतोष

बता दें कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बयान ने सनसनी फैला दीथी। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार में निर्णय लेने का अधिकार कांग्रेस की नहीं है। उनके इस बयान पर कुछ दिन लीपापोती चली। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहब थोरात ने भी खुलकर कह दिया है कि सरकार की निर्णय प्रक्रिया में कांग्रेस को भी स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में तीन दलों की सरकार है। ऐसे में सरकार में जो भी निर्णय होता है, उसमें कांग्रेस की भी राय ली जानी चाहिए।

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