मुंबई, महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने सोमवार चार लोगों को गिरफ्तार करके मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया, जिसमें बांग्लादेशी नागरिकों को भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से भारत लाया गया था। एटीएस के अनुसार, बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा-बाड़ काटकर या खुली सीमा से चलकर भारत में प्रवेश करना था, ताकि वे तुरंत बनगांव में एक यूआईडीएआई केंद्र से अपने नाम पर आधार कार्ड प्राप्त कर सकें। जाली भारतीय दस्तावेजों के आधार पर पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना और धोखाधड़ी से आधार कार्ड प्राप्त कर मुंबई सहित भारत के विभिन्न शहरों में पहुंच जाते हैं। विभिन्न शहरों में पहुंचने पर ये अवैध अप्रवासी अन्य जाली भारतीय दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र और स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र प्राप्त कर इनका उपयोग कर पासपोर्ट भी प्राप्त कर लेते हैं।

एटीएस अब तक 17 साल की एक नाबालिग लड़की समेत तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन तीनों में से, आरोपी काजल शेख (28) जाली भारतीय दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने में सफल रही थी, जबकि अन्य दो इसे प्राप्त करने की प्रक्रिया में थे।
एटीएस ने कहा कि मुंबई में एक स्थानीय व्यक्ति का नाम संतोष वर्ने (52) है, जो इस मामले में गिरफ्तार चौथे आरोपी को भारतीय पासपोर्ट दिलाने में मदद करता है। उसने आरोपियों को फर्जी बीएमसी दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र और स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र मुहैया कराया और उन्हें भारतीय पासपोर्ट दिलाने में मदद की।
एटीएस ने लगभग 100 खाली स्कूल छोड़ने वाले प्रमाणपत्रों की एक पुस्तिका जब्त की है जिसमें किसी भी स्कूल के नाम का उल्लेख नहीं है। इसमें रैकेट के तौर-तरीकों के अनुसार, अवैध अप्रवासियों का विवरण भरने के बाद प्रमाण पत्र पर स्कूल के नाम की मुहर लगती थी। ये खाली प्रमाण पुस्तिका पुराने प्रारूप में हैं जब मुंबई का नाम बॉम्बे था।
एटीएस के अनुसार, बगदाह थाना, बनगांव, उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल के सिंधरानी गांव निवासी सरदार शेख उर्फ मोनजिल मंडल इस मानव तस्करी रैकेट का सरगना है, जो इन चारों बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पार कर भारत लाया था।
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