महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में कोरोना संक्रमण के प्रसार से निपटने के लिए किए गए उपायों पर निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में उप मुख्यमंत्री अजीत पवार भी उपस्थित हैं। 
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे है जिसे देखते हुए सरकार भी बहुत चिंतित है। बीते दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए नागरिकों की निगरानी समिति बनाने का अहम सुझाव दिया था। यह सुझाव सीएम ने ठाणे में आयोजित कोरोना समीक्षा बैठक में दिया था। बैठक में मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा था कि कोरोना से लड़ना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं बल्कि इसमें जनभागीदारी भी होनी चाहिए। इसलिए गांवों, कॉलोनियों, कस्बों में नागरिक निगरानी समिति का गठन किया जाना चाहिए।
इन समितियों में शामिल युवा अपने आसपास के घरों पर नजर रखें और किसी भी व्यक्ति में जुकाम-बुखार जैसे लक्षण तो दिखाई देने पर तुरंत अस्पताल से संपर्क करें। उद्धव ने कहा था कि सभी शहरों के नगर निगम आयुक्त स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ-साथ स्थानीय लोगों, विशेषकर युवाओं को शामिल कर ऐसी समितियां बनायी जाये।
मुख्यमंत्री ठाकरे का कहना था कि, पिछले चार माह में कोरोना से जंग लड़ते हुए लोग अब जान गए हैं कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं। बाकी सरकार की ओर से जारी निर्देश भी स्पष्ट हैं। उद्धव ने 2010 में फैले डेंगू और मलेरिया का जिक्र करते हुए कहा था कि उस समय भी नागरिकों ने ही पहलकर अपने आसपास दवाओं के छिड़काव की मुहिम चलाई थी। जिससे इस बीमारी से लड़ने में मदद मिली थी। आज हम दोबारा उसी प्रयोग को दोहरा सकते हैं। इस समय में अधिक उम्र वाले नागरिकों का ध्यान रखने और यह देखने की आवश्यकता है कि है कि लोग मास्क का प्रयोग कर रहे हैं, या नहीं।
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