महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वह बाला साहेब की संपत्ति के वारिस हो सकते हैं लेकिन उनकी विचारधारा के नहीं हो सकते हैं। शिंदे ने कहा ऐसा नेता कभी नहीं देखा जो अपने ही लोगों के करियर को नष्ट करता हो।उन्होंने कहा कि संयम की भी एक सीमा होती है। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं वह मुख्यमंत्री नहीं हूं, जो घर में बैठकर आदेश देता हो, बल्कि मैं संकट के समय क्षेत्र में जाने में विश्वास करता हूं। मैं दो बार कोरोना से संक्रमित हुआ। मैंने हमेशा क्षेत्र में काम किया, लेकिन आप मुझे धोखेबाज कहते हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं के करियर को खत्म करने का प्रयास किया। एक रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने स्वयं को शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की विरासत का सच्चा उत्तराधिकारी बताया।
शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर उठाए सवाल
शिंदे ने कहा कि उन्होंने कभी कोई ऐसा नेता नहीं देखा, जो अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर अपने ही लोगों के राजनीतिक करियर को नष्ट करने की साजिश करता हो। शिंदे ने राज ठाकरे और नारायण राणे सहित अन्य नेताओं का नाम लिया, जिन्होंने बहुत पहले शिवसेना छोड़ दी थी। उन्होंने कहा कि ऐसे में पार्टी किस प्रकार आगे बढ़ेगी।
‘बाला साहेब ठाकरे विचारधारा के वारिस नहीं हो सकते उद्धव’
उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे बाला साहेब ठाकरे की संपत्ति के वारिस हो सकते हैं, लेकिन उस विचारधारा के नहीं, जिसे उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस और राकांपा के पास गिरवी रख दिया था। मैं बाला साहेब की विचारधारा और विरासत का उत्तराधिकारी हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवसेना को मजबूत बनाने के लिए गजानन कीर्तिकर, रामदास कदम जैसे वरिष्ठ नेताओं ने बाला साहेब के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया था, लेकिन आप उन्हें धोखेबाज कहते हैं।