डेढ़ दशक बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है, मगर कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर नाराजगी है कि शासन-प्रशासन उनकी बात ही नहीं सुन रहा है. इन कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने अपना यह दर्द जाहिर किया है. सिंधिया बुधवार को दतिया पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक में मौजूद तमाम कार्यकर्ताओं ने शासन-प्रशासन के असहयोगात्मक रुख के बारे में उन्हें बताया. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता सहित अन्य कई वादे किए थे, मगर इसका लाभ संबंधित वर्ग को नहीं मिल पा रहा है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाकर असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है.
इसके अलावा बैठक में मौजूद कई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वर्तमान में प्रशासन का रवैया ठीक वैसा ही है, जैसा भाजपा के शासनकाल में था. कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही है, और वे जायज मांगों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के पास जाते हैं तो उन्हें अनसुना कर दिया जाता है.इस मामले में एक सूत्र ने कहा कि सिंधिया ने कार्यकर्ताओं को हिदायत दी कि उन्हें जनहित के मुद्दों पर जोर देना चाहिए, न कि व्यक्तिगत कार्य के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता तबादलों में ज्यादा रुचि न लें, जनहित के मामले उठाएं.
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