मध्य प्रदेश में स्क्रब टाइफस वायरस का खतरा लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश के चार जिलों में इस वायरस के लगभग 32 मामले सामने आ चुके हैं। और इनमें से सबसे ज्यादा मरीज मंदसौर में सामने आए हैं। मंदसौर, बैतूल, जबलपुर और सतना में स्क्रब टाइफस वायरस संक्रमित मरीज मिले हैं। भोपाल एम्स में जांच के दौरान इसकी पुष्टि हुई है।
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वहीं प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग ने इसे देखते हुए अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही डॉक्टरों ने निर्देश दिए कि अगर किसी भी व्यक्ति हो 5 या उससे अधिक दिन तक बुखार आता है तो तुरंत इसकी जांच करवाएं। फिलहाल 10 बड़े निजी अस्पतालों में लगभग 160 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा हैं। और स्क्रब टाइफस वायरस के चलते एमपी में एक मरीज की फेफड़े और किडनी फेल होने से मौत भी हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार स्क्रब टाइफस बीमारी ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया के कारण होती है। इंसानों में यह बीमारी संक्रमित चिगर्स के काटने से फैलता है। और इसे ‘ बुश टाइफस के नाम से भी जाना जाता है। स्क्रब टाइफस बीमारी चूहे और छछूंदर से फैलती है।
जानकारों की मानें तो इसके लक्षणों में बुखार और ठंड लगना शामिल है। जिसके बाद सिरदर्द, शरीर में दर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। एक स्क्रब टाइफस रोगी के कई मामलों में विपरीत गंध और स्वाद बना रहता हैं। और वहीं कुछ रोगियों में जोड़ों में दर्द भी होता है जो चिकनगुनिया का भी लक्षण है।
फिलहाल स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। लेकिन कुछ निर्धारित नियमों के अनुसार आप संक्रमित चिगर्स के संपर्क में आने से खुद को बचा सकते हैं। कोई स्क्रब टाइफस से संक्रमित हो जाता है, तो व्यक्ति को एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन से इलाज करना चाहिए।