उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले स्थित एक मंदिर में मांस फेंकने के मामले में यूपी पुलिस ने मुख्य आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। पुलिस के अनुसार, थानाध्यक्ष को हटवाने के लिए आरोपी ने मंदिर में मांस रखवाकर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश रची थी। इसके लिए एक कसाई को 10 हजार रुपए दिए गए थे। पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह के अनुसार, मुख्य आरोपी चंचल त्रिपाठी की तत्कालीन थानाध्यक्ष हरी श्याम सिंह से कुछ विवाद था, जिस वजह से वह थानाध्यक्ष को हटवाना चाहता था।

इसके लिए उसने सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश रची और एक पेशेवर कसाई को 10 हजार रुपये का प्रलोभन देकर शिव मंदिर में प्रतिबंधित पशु का मांस रखवा दिया था। बता दें कि कन्नौज जिले के तालग्राम थाना इलाके के गांव रसूलाबाद में स्थित एक मंदिर में 16 जुलाई की सुबह कुछ असामाजिक तत्वों ने गाय की बछिया का कटा हुआ सिर हवन कुंड के पास फेंक दिया था। मंदिर में मांस का टुकड़ा फेंके जाने के विरोध में मौके के कुछ दूरी पर स्थित मांस की तीन दुकानों में आग लगा दी गई थी। जब तक जिला प्रशासन स्थिति पर काबू पाता, तब तक माहौल बिगड़ गया था। इसके विरोध में हिंदू संगठनों ने बहुत देर तक विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस इस घटना में पहले ही 17 लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी हैं।
पुलिस ने बताया कि कसाई मंसूर की गिरफ्तारी के बाद पूरा मामला उजागर हो आया। दरअसल, कसाई ने पुलिस को बताया कि रनवा गांव के रहने वाले चंचल त्रिपाठी की तालग्राम के थाना प्रभारी हरी श्याम सिंह से अनबन थी। वह चाहता था कि थाना प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, इसलिए उसने मंदिर में मांस के टुकड़े रखवाकर बवाल कराने की साजिश रची थी। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने तीन छुरी, एक गड़ासा, एक कुल्हाड़ी बरामद कर ली है। बता दें कि इस घटना पर यूपी सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा और SP राजेश श्रीवास्तव सहित तालग्राम थाना प्रभारी हरी श्याम सिंह का ट्रांसफर कर दिया था।
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