पंजाब सरकार एक अोर सरकारी खजाना खाली होने का दावा कर रही हो अौर दूसरी ओर कई मंत्री अपनी सरकारी कोठियों व दफ्ताराें पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं। खासकर मंत्रियों के दफ्तर इस समय सचिवालय में सर्वाधिक चर्चा का विषय बने हुए हैं। वित्त विभाग इस बेतहाशा चिंतित है। वहीं, वित्तमंत्री मनप्रीत बादल इस मामले पर सख्त हाे गए हैं और यह निर्देश दिया है कि पीडब्ल्यूडी को इसके लिए तय राशि से अतिरिक्त राशि नहीं दी जाएगी।
पंजाब सचिवालय में इन दिनों पीडब्ल्यूडी मंत्री विजय इंदर सिंगला और खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी सबसे अधिक चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन मंत्रियों ने अपने दफ्तर को बड़ा करने के लिए साथ की दीवार तक को निकलवा दिया। सिंगला ने तो अपने स्टाफ के कमरे को भी अपने दफ्तर में शामिल कर लिया। वहीं, नव नियुक्त मंत्रियों की कोठियों पर भी पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार वित्त विभाग ने सरकारी कोठियों व मकानों के लिए पीडब्ल्यूडी के पास साल का 35 करोड़ रुपये का बजट है। पंजाब के नए बने मंत्रियों की कोठियों व दफ्तरों पर अभी तक दो करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हो चुका है। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने इस संबंध में वित्त विभाग के सचिव अनिरुद्ध तिवाड़ी से बात की है। वित्तमंत्री ने निर्देश जारी किए कि पीडब्ल्यूडी के लिए जो निर्धारित राशि है, उससे अधिक खर्च करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मनप्रीत बादल ने बताया कि पीडब्ल्यूडी को अतिरिक्त ग्रांट जारी नहीं की जाएगी।
कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है खमियाजा
यह भी चर्चा है कि मंत्री व बड़े अधिकारी पीडब्ल्यूडी पर दबाव बनाकर अपनी कोठियों को आलीशान बनवा लेते हैं। इसका खामियाजा सरकारी मुलाजिमों को उठाना पड़ता है। क्योंकि, बाद में पीडब्ल्यूडी वित्त की कमी का हवाला देते हुए उनके मकानों को रिपेयर करवाने में आनाकानी करता है।
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