विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि करतारपुर कॉरिडोर मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान के साथ टैरिफ का मुद्दा बार-बार उठाया, लेकिन कोई अपडेट नहीं मिला। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि भारत ने करतारपुर कॉरिडोर तक पहुंच के लिए पाकिस्तान द्वारा लगाए गए 20 अमेरिकी डॉलर के शुल्क पर बार-बार चिंता जताई है, लेकिन पाकिस्तान द्वारा कोई जवाब नहीं मिला है। अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार इस मुद्दे को बहुत महत्व देती है और इस मुद्दे को उठाती रहेगी।
भारत ने फीस को लेकर जताई चिंता
विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बागची ने कहा कि यह विषय हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमने 20 अमेरिकी डालर शुल्क को कम करने या हटाने का प्रस्ताव दिया है। हमने पासपोर्ट का मुद्दा भी उठाया है। हम इसे दोहराते रहते हैं, लेकिन हमें इस पर कोई अपडेट नहीं मिला है। हम जानते हैं कि इससे समस्याएं पैदा होती हैं।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी घुसपैठ की निंदा की
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन और सीमा पार घुसपैठ की भी निंदा की और इसे द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन बताया। बागची ने कहा कि संघर्षविराम उल्लंघन और ड्रोन या फायरिंग के जरिए सीमा पार से घुसपैठ की घटनाएं, यह हमारे द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है। हम हमेशा पाकिस्तान के सामने बात रखते हैं।
भगत सिंह फाउंडेशन ने करतारपुर कॉरिडोर की चौथी वर्षगांठ मनाई
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने गुरुवार को लाहौर में केक काटकर वीजा मुक्त करतारपुर कॉरिडोर खोलने की चौथी वर्षगांठ मनाई। यह कॉरिडोर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब के गुरुदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा को जोड़ता है। लाहौर हाई कोर्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वकील और फाउंडेशन के सदस्य शामिल हुए।
इस अवसर पर फाउंडेशन के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी ने कहा कि चार वर्ष पहले पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर खोल कर विश्व और खास तौर से भारत को शांति एवं प्रेम का संदेश दिया था। हम भारत और पाकिस्तान की सरकार से अविलंब बस, रेल और विमान सेवा बहाल करने और वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने का आग्रह करते हैं।