प्रमुख तालिबान नेता शहाबुद्दीन दिलवार ने अफगानिस्तान में एक नए शासन की स्थिरता पर संदेह जताने वाले भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान के जवाब में कहा है कि भारत को जल्द ही पता चल जाएगा कि तालिबान देश के मामलों को सुचारू रूप से चला सकता है। पाकिस्तान दैनिक अखबार डान की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
डान ने कहा कि तालिबान नेता का बयान पीएम मोदी द्वारा अफगानिस्तान के तालिबान अधिग्रहण पर टिप्पणी करने के एक हफ्ते बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि आतंक से बने साम्राज्य कुछ समय के लिए हावी हो सकते हैं, लेकिन उनका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता, क्योंकि वे हमेशा के लिए मानवता को दबा नहीं सकते।गुरुवार को काबुल में रेडियो पाकिस्तान संवाददाता बिलाल खान महसूद के साथ विशेष बातचीत में मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिलवार ने भारत को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी।
दिलवार ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान का पड़ोसी और मित्र देश है। उन्होंने 30 लाख से अधिक अफगान शरणाíथयों की मेजबानी के लिए उसे धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा, हम पाकिस्तान की सेवाओं के लिए उसके आभारी हैं, खासतौर पर शरणाíथयों के कल्याण के लिए। दिलवार ने यह भी रेखांकित किया कि तालिबान आपसी सम्मान के आधार पर सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है।
सरकार ने अफगान महिला सांसद को वापस भेजने पर गलती मानी
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा कि सरकार ने अफगानिस्तान की एक महिला सांसद को दिल्ली हवाई अड्डे से वापस भेजे जाने पर सर्वदलीय बैठक के दौरान अपनी गलती स्वीकार की।सर्वदलीय बैठक के बाद खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, बैठक में हमने महिला सांसद को वापस भेजने का मुद्दा उठाया। उन्होंने (जयशंकर) कहा कि यह एक गलती थी और भविष्य में ऐसा नहीं होगा।खड़गे ने कहा, बैठक में कई मुद्दे उठाए गए और विदेश मंत्री ने उनका जवाब दिया। अब हमें देखना होगा कि इनमें से कितने का क्रियान्वयन होता है। हम एकजुट होकर बात करना चाहते हैं। सभी दलों ने यही राय जाहिर की है।बताते चलें कि हाल में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को उस देश की ताजा स्थिति के बारे में अवगत कराया।