दिल्ली हिंसा मामले में यूएपीए (UAPA) के तहत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कार्रवाई करते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद को गिरफ्तार किया है। खालिद पर आरोप है कि उसने पूर्वोत्तर दिल्ली की हिंसा में सहयोग किया था।

दो सितंबर को उमर खालिद से दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों ने छह घंटे तक पूछताछ की थी। इस पूछताछ के बाद पुलिस अधिकारियों का कहना था कि उमर खालिद ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया। जरूरत पड़ने पर उमर खालिद को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
बता दें कि पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दो सितंबर को हुई पूछताछ में उमर खालिद ने शाहीनबाग में हुई बैठक में शामिल होने की बात से इनकार किया था। इसके साथ ही दिल्ली हिंसा की साजिश रचने में संलिप्तता को भी नकार दिया था। उमर ने ये भी कहा था कि वह कभी ताहिर हुसैन से नहीं मिला।
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में दिल्ली दंगों की साजिश रचने का मामला दर्ज है। एफआईआर में उमर को नामजद किया गया था। बाद में स्पेशल सेल ने उमर के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम (यूएपीए) की धाराएं भी लगा दी थीं। स्पेशल सेल ने उमर खालिद से एक अगस्त को भी पूछताछ की थी। स्पेशल सेल ने जांच के लिए उमर खालिद का फोन जमा कर लिया था।
वहीं दिल्ली दंगों के मामले में फाइल किए गए पूरक आरोप पत्र को लेकर दिल्ली पुलिस ने रविवार को सफाई दी। दिल्ली पुलिस ने कहा, यह स्पष्ट किया जाता है कि सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव और जयति घोष को हमारे द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र (दिल्ली हिंसा मामले के) में अभियुक्त नहीं बनाया गया है।
दिल्ली पुलिस ने कहा, एक व्यक्ति को केवल खुलासा (डिस्क्लोजर) किए गए बयान के आधार पर अभियुक्त नहीं बनाया जाता है। केवल पर्याप्त पुष्टि योग्य सबूतों के आधार पर ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाती है।
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