उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी तगड़ी हिंदुत्व वाली छवि के बाद लगातार हार रहे है जो चुनता का विषय बन गया है. सीएम अपनी ही सीट गोरखपुर फिर फूलपुर के उपचुनाव के बाद अब कैराना भी गवा चुके है . गोरखपुर की हार के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए योगी ने कहा था कि भाजपा अतिआत्मविश्वास के कारण हारी. कैराना के लिए तो कहा जा रहा है कि योगी का एक भाषण वहां भाजपा को भारी पड़ गया.
दरअसल शामली में अपनी आखिरी रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा- ‘‘बाप-बेटा (अजीत सिंह और जयंत) आज वोटों के लिए गली-गली भीख मांग रहे हैं’’. एक ग़ैर-जाट के मुंह से जाटों के एक नेता के बारे में ऐसे शब्द बिरादरी के लोगों को कतई पसंद नहीं आए. उन्हें लगा कि बाहर का एक आदमी उनके घर में उनके अपने भाई और बेटे का इतना अपमान करके कैसे जा सकता है.
जाट बिरादरी अपनी भावुकता और तेवर के लिए जानी जाती है. योगी की यह बात कई लोगों को चुभ गई. यह बात अगर कोई जाट नेता भाजपा की ओर से कहता तो शायद जाटों को इतना बुरा न लगता. लेकिन योगी का ऐसा कहना रातोरात आग की तरह जाटों के बीच फैला और जाट उन्हें सबक सिखाने के लिए लामबंद हो गए. योगी के ये बो खेल ख़राब करने वाले साबित हो गए .