दिल्ली से पकड़े गए आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी से हो रही पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं. देश में दहशत फैलाने के लिए आतंकवादी नई रणनीति पर काम कर रहे हैं. अब उनका मकसद सिर्फ बम ब्लास्ट करना ही नहीं बल्कि दो समुदायों के बीच तनाव पैदा करना भी है. इसके चलते ही आतंकियों ने इंडियन मुजाहिदीन के नेटवर्क को फिर खड़ा करने की प्लानिंग की थी.
इतना ही नहीं यह भी खुलासा हुआ है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव और 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आतंकी भारत में ऐसा माहौल खड़ा कर देना चाहते थे, जिसका सीधा असर मोदी सरकार पर पड़े. वे दुनिया में बन रही भारत की बेहतर छवि से बिल्कुल खुश नहीं हैं. इसे इंडियन मुजाहिदीन के नेटवर्क के जरिए नेस्तनाबूत करने की तैयारी में थे.
सूत्रों का कहना है कि सुभान ने गुजरात बम धमाकों के पीछे अपना हाथ होने की बात कबूल कर ली है. उसे इस बात का कोई पछतावा नहीं है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ इस आतंकी से अब मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात समेत कई राज्यों की पुलिस यहां आकर पूछताछ करने में लगी है. हो सकता है कि इसे इन राज्यों में ले जाया जाए.
पिछले कुछ साल से विश्वभर में भारत की छवि काफी अच्छी हुई है. इसे लेकर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान काफी दुखी है. यहां दहशत फैलाने के लिए आतंकियों को हिदायत दी जा रही है कि वे अपने नापाक मंसूबे को अंजाम देने के लिए सिर्फ बम धमाकों का ही सहारा न लें, बल्कि समुदायों के बीच ऐसा माहौल पैदा कर दें जिससे देश के अंदर तनाव पैदा हो जाए.
बताते चलें कि पुलिस गिरफ्त में आया भारत के बिन लादेन के नाम से कुख्यात अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर पेशे से इंजीनियर है. इसे बम बनाने में महारत हासिल है. 11 जुलाई 2006 में मुंबई में हुए ट्रेन ब्लास्ट में इसकी तलाश थी. इसके अलावा दिल्ली, बंगलुरु और अहमदाबाद में हुए ब्लास्ट में भी इसका हाथ है. यह इंडियन मुजाहिदीन का संस्थापक है.
21 अगस्त 2001 को इसे नागौरी के साथ मुंबई में सिमी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी देखा गया था. एनआईए की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में इसका नाम शामिल है. उसके माता-पिता मूल रूप से यूपी के रहने वाले हैं. फिलहाल मुंबई में जाकर बस गए हैं. तौकीर साल 1999 और 2000 के दौरान आतंकी गतिविधियों में शामिल हुआ था. अब गिरफ्तार हुआ है.
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