सारदा चिटफंड घोटाले के मामले में बीजेपी ने अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. बीजेपी के पश्चिम बंगाल के केंद्रीय सह प्रभारी और आइटी प्रकोष्ठ के प्रमु्ख अमित मालवीय ने 23 दिसंबर को CBI के सारदा चिट फंड घोटाले पर SC में दायर याचिका का हवाला देते हुए यह दावा किया कि सीएम ममता बनर्जी की बनाई पेंटिंग्स की खरीदारी आरोपी कंपनी ने की थी, लेकिन कभी भी उनकी जांच नहीं की गई.
इस बारे में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से भी बार-बार हिसाब मांगा गया है, लेकिन स्पष्ट जवाब नहीं मिले हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम, कुणाल घोष और सुदीप्त सेन के बीच अच्छे संबंध थे.
अमित मालवीय ने सोमवार को ट्वीट किया, “23 दिसंबर को CBI ने सारदा चिटफंड घोटाले पर SC में याचिका दायर की. रिपोर्ट में कहा गया है कि ईडी की जांच में पता चला है कि राज्यसभा के के पूर्व सांसद आरोपी कुणाल घोष पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और सारदा ग्रुप के प्रमोटर सुदीप्त सेन के बहुत अच्छे संबंध थे.”
उन्होंने ट्वीट किया, “सारदा के एक कर्मचारी सफीकुर रहमान ने खुलासा किया कि … “घोष सारदा के प्रमोटर … (सारदा प्रमोटर) सेन को विभिन्न दुर्गा पूजा समितियों को पैसे देने के लिए निर्देश दिया करते थे और “जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था, तो सेन को सभी को भवानीपुर, कोलकाता की पूजा को प्रायोजित करने के लिए मजबूर किया गया था. ”
अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “सीबीआई की दलील से पता चलता है कि “प्रति माह 27 लाख रुपये की दर से 6.21 करोड़ का भुगतान सीएम के राहत कोष से लेकर तारा टीवी को किया गया था, जो मई 2013 से अप्रैल 2015 तक सारदा समूह का हिस्सा था. पश्चिम बंगाल के सीएस ने बार-बार किए गए प्रयासों के बावजूद अधूरे और निष्कपट उत्तर दिए हैं.”
उन्होंने लिखा, “महान चित्रकार ममता बनर्जी के चित्रों को 2011-13 में नीलाम किया गया था और सारदा और अन्य पोंजी कंपनियों द्वारा खरीदा गया था, लेकिन कभी भी जांच नहीं की गई थी. यह ऊपर से काफी स्पष्ट है कि ‘पिशी’ ( बुआ) खुद सारदा घोटाले में उलझी हुई हैं. कुणाल घोष के रिकार्ड भी कुछ यही कहते हैं.