तिरंगे को फहरा कर या फिर तिरंगे में लिपटा हुआ आऊंगा, पर आऊंगा जरूर”। यह कहने वाले जांबाज शहीद और परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा की 25 वीं पुण्यतिथि मनाई गई।
तिरंगे को फहरा कर या फिर तिरंगे में लिपटा हुआ आऊंगा, पर आऊंगा जरूर”। यह पंक्तियां 25 वर्ष पूर्व कारगिल की चोटी को फतह करने वाले सेना के जांबाज शहीद और परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा की हैं, जिसे वह युद्ध पर जाने से पहले कहा था। शनिवार को उस जांबाज शहीद और परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा की 25 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। उनकी पुण्यतिथि के मौके पर देश ने उनको गौरव के साथ याद किया।
इस मौके पर गया के ओटीए में वर्षगांठ मनाई गई। इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस मौके पर सेना के कई अधिकारियों ने कहा कि कैप्टन विक्रम बत्रा के वह प्रेरक वाक्य, देश के लोग आज भी अपने होठों पर सजाए फिरते हैं।
सुनाई गई कैप्टन विक्रम बत्रा के अदम्य साहस की कहानियां
कार्यक्रम के दौरान शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वां भाई विशाल बत्रा, उनके पिता गिरधारीलाल बत्रा, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शहीद हुए स्व. द्वितीय लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के भाई मुकेश खेत्रपाल, ऑपरेशन विजय के दौरान 13वीं बटालियन, जम्मू और कश्मीर राइफल्स के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी ने कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा के अदम्य साहस की कहानियां सुनाई। उनकी कहानियों को सुनकर वहां उपस्थित कैडेट्स व अन्य लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।
पूर्व रिकॉर्डेड वीडियों दिखाए गये
कैप्टन विक्रम बत्रा के सर्वोच्च बलिदान के 25वीं वर्षगांठ के मौके पर गया के ओटीए परिसर में कई कार्यक्रम का आयोजित किये गये। हालांकि इस दौरान 2-4 जुलाई तक स्मरणोत्सव के शुरुआती चरणों में एलओसी कारगिल, शेरशाह और लक्ष्य जैसी देशभक्ति फिल्मों की कई स्क्रीनिंग की गई। वहीं 6 जुलाई को विजय ऑडिटोरियम में स्मृति वार्ता की एक श्रृंखला आयोजित की गई।
आयोजित स्मृति वार्ता श्रृंखला के दौरान 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा के साथ काम कर चुके वीरचक्र विजेता ब्रिगेडियर एस. विजय भास्कर, वीर चक्र विजेता कर्नल विकास वोहरा और सेना मेडल विजेता कैप्टन नवीन नागप्पा के पूर्व रिकॉर्डेड वीडियों संदेश चलाए गए। ये वह सैन्य अधिकारी हैं, जिन्होंने 13वीं बटालियन, जम्मू और कश्मीर राइफल्स में परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा के साथ देश की सेवा की थी। वार्ता और वीडियो संदेश परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन के कुछ अंशों और उपाख्यानों पर केंद्रित थे। इसमें उनके बचपन से लेकर कारगिल युद्ध में जूनियर लीडर के रुप में उनकी भूमिका तक की यात्रा शामिल थी।
देश के वीर जवानों को हमारा नमन
कारगिल के प्वाइंट 4875 पर कब्जे का उल्लेख करते हुए सेना के अधिकारियों ने अपने जांबाजों की बहादुरी की जमकर प्रशंसा की। सेना ने कहा कि ” भारतीय सेना ने अदम्य साहस,पराक्रम व बलिदान का परिचय देते हुए प्वाइंट 4875 पर कब्जा किया। जयघोष से द्रास की श्रृंखलाएं गूंज उठी। मातृभूमि के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण से सदैव भारतीय वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाले देश के वीर जवानों को हमारा नमन।