जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने मंगलवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। बिहार कांग्रेस के कई नेताओं की राय है कि पार्टी में शामिल हुए कन्हैया कुमार इसमें ‘नई ऊर्जा’ भर सकते हैं और ‘इसे जड़ता से बाहर निकाल सकते हैं।’
बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा, ‘कन्हैया कुमार एक लोकप्रिय नेता और उत्कृष्ट वक्ता हैं। वह निश्चित रूप से पार्टी में ऊर्जा भरेंगे और इसे जड़ता से बाहर निकालेंगे। वह सही मायने में स्टार प्रचारक साबित होंगे।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या कन्हैया को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है तो कादरी ने कहा, ‘कन्हैया को सीधे कांग्रेस आलाकमान द्वारा पार्टी में लाया गया है। इसलिए, कोई भी उनकी प्रगति का विरोध नहीं करेगा।’
कादरी ने कहा कि पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को पर्याप्त समय दिया है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी अब एक युवा नेतृत्व में निवेश कर रही है और हमें इसका स्वागत करना चाहिए।’ बिहार एमएलसी और कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा ने कादरी की बात का समर्थन करते हुए कहा, ‘हम कन्हैया का पार्टी में स्वागत करते हैं। पार्टी उनकी नेतृत्व क्षमता का बेहतरीन इस्तेमाल करेगी।’
नाम न बताने की शर्त पर एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि कन्हैया महागठबंधन में कांग्रेस की बारगेन करने की शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, खासकर आरजेडी के साथ। उन्होंने कहा, ‘हालांकि आरजेडी हमेशा कन्हैया की लोकप्रियता से सावधान रहा है, लेकिन उसे इस बात पर ध्यान देना होगा कि कन्हैया पार्टी के लिए क्या अहमियत लाएंगे।’
बिहार कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि कन्हैया कुमार को संगठन में कोई प्रमुख स्थान नहीं दिया जा सकता है। एक सूत्र ने कहा, ‘कन्हैया जमीन पर काम करने और कांग्रेस कैडर को फिर से जीवंत करने में रुचि रखते हैं। ऊंची जाति के लोगों के अलावा कन्हैया की मुसलमानों, दलितों और युवाओं में व्यापक पैठ है।’