मधेपुरा : मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड के अंतर्गत औराय गांव के ब्रह्मदेव मंडल (84) ने पिछले 10 माह में अलग-अलग जगहों पर 11 बार कोरोना का टीका ले लिया है। उनका कहना है कि टीका लेने के बाद उनके घुटनों का दर्द कम हुआ है। इस कारण उन्होंने इतनी वैक्सीन ले ली। उन्होंने लंबे समय तक ग्रामीण चिकित्सक का भी काम किया है।
रविवार को 12वां डोज लेने जब वे चौसा केंद्र पर गए तो लोगों ने उन्हें पहचान लिया। इसके बाद मामले का पर्दाफाश हुआ। वे मोबाइल नंबर बदल-बदलकर टीका लेते थे। पुरैनी के चिकित्सा पदाधिकारी डा. विनय कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। सिविल सर्जन जांच के लिए पुरैनी निकल चुके हैं। ब्रह्मदेव मंडल डाक विभाग के सेवानिवृत्त कर्मी हैं। सिविल सर्जन डा. अमरेंद्र नारायण शाही ने बताया कि आइडी बदलकर बार-बार वैक्सीन लेना नियम के विरुद्ध है। उनपर मामला दर्ज कराया जाएगा।
कब और कहां लगवाई वैक्सीन?
- 13 फरवरी को पहली बार पुरैनी पीएचसी में टीका लगवाया।
- दूसरी डोज 13 मार्च को पुरैनी पीएचसी में लिया।
- तीसरी खुराक 19 मई को औराय उप स्वास्थ्य केंद्र में जाकर लगवाई।
- चौथी डोज 16 जून को भूपेंद्र भगत के कोटा पर लगे कैंप में जाकर लगवाया।
- पांचवां डोज 24 जुलाई को पुरैनी बड़ी हाट स्कूल पर लगे कैंप में जाकर लिया।
- छठवां डोज 31 अगस्त को नाथबाबा स्थान कैंप में लगवाया।
- सातवां डोज 11 सितंबर को बड़ी हाट स्कूल में लिया।
- आठवीं बार 22 सितंबर को बड़ी हाट स्कूल पहुंचा और यहां भी वैक्सीनेशन करवा लिया।
- नौवीं बार 24 सितंबर को स्वास्थ्य उप केंद्र कलासन में टीकाकरण करवाया।
- 10वीं बार खगड़िया जिले के परबत्ता में वैक्सीन ली।
- 11वीं बार भागलपुर के कहलगांव पहुंचा और यहां कोरोना वैक्सीन का डोज लिया।
- 12 वीं बार वो फिर से डोज लेने की तैयार कर रहा था।
बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही उसके गले का फांस बनी हुई है और अधिकारियों को जवाब देते नहीं बन रहा। मामले में डीडीसी नितिन कुमार ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। जिलाधिकारी से बात करने की कोशिश की जा रही है। स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं लोगों की जुबां पर एक ही बात है कि ये कैसे हो सकता है।
(चेतावनी और अपील: किसी भी दवा या वैक्सीन का सेवन ज्यादा मात्रा में करना खतरनाक होता है। कोरोना वैक्सीन सिर्फ कोरोना से बचाव को लेकर दिनों के अंतराल में ली जाती है। इसको लेकर कई भ्रांतियां फैली हुई हैं। चिकित्सक ऐसी किसी भी बात की पुष्टी नहीं करते कि वैक्सीन से आपके अन्य रोग खत्म होंगे। इसलिए इस तरह के कदम उठाने से बचें और दूसरों को भी बचाएं।)