बिहार में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर राज्य के 28 बाढ़ प्रभावित जिलों में डॉक्टरों व कर्मियों की रोस्टर डयूटी की सूची तैयार कर ली गयी है। विभाग संबंधित सिविल सर्जन के साथ ऑनलाइन बैठक कर रहा है। गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सारण सहित अन्य जिलों ने रोस्टर ड्यूटी की सूची तैयार करने की जानकारी दी है।
घर-घर गंभीर मरीजों, गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, जिन्हें देखभाल की जरूरत हैं, उनको आशा व एएनएम के माध्यम से चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। एक सप्ताह में यह कार्य पूरा करने को कहा गया है। गंभीर मरीजों में ऐसे मरीजों को चिह्नित किया जा रहा है, जिन्हें रेफरल की आवश्यकता हो सकती है।
राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सांप काटने, कुत्ता काटने सहित अन्य आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, स्वास्थ्य शिविर लगाने, अस्पतालों व शिविरों में डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती, हैलोजन टेबलेट की उपलब्धता की व्यवस्था सुचारू रखने व निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। कंट्रोल रूम के दो टेलिफोन नंबर जारी किए जाएंगे। इन पर कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बताकर मदद मांग सकता है।
सूत्रों के अनुसार जिलास्तर पर नाव की व्यवस्था अबतक नहीं की जा सकी है। जिला सिविल सर्जन को अंचलाधिकारी के सहयोग से नाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। नाव पर लाइफ जैकेट भी अनिवार्य रूप से रखना है।